वडोदरा : तरसाली की सखी मंडल ने दी अनूठी मिसाल: जैविक गणेश प्रतिमाओं से पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता

एनयूएलएम योजना से जुड़कर बहनों ने 450 से अधिक प्रतिमाएँ बेचकर 40 हज़ार रुपये की आय अर्जित की, हर प्रतिमा में छिपा है पौधारोपण का संदेश

वडोदरा : तरसाली की सखी मंडल ने दी अनूठी मिसाल: जैविक गणेश प्रतिमाओं से पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता

वडोदरा जिले के तरसाली शरद नगर स्थित परिश्रम सखी मंडल की बहनों ने रोजगार के साथ पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संदेश दिया है। बहनों ने गाय के गोबर, बगीचे और सब्जियों के कचरे, पत्तियों व घर की बनी जैविक खाद का उपयोग करके 6 से 12 इंच तक की सुंदर गणेश प्रतिमाएँ तैयार कीं। इन प्रतिमाओं की विशेषता यह है कि इन्हें जल में विसर्जित करने के बाद मूर्ति के हाथ में रखा बीज अंकुरित होकर पौधे का रूप ले लेता है।

सखी मंडल की अध्यक्ष कनुबेन ने बताया कि केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) योजना से लाभ उठाकर बहनों ने यह पहल शुरू की। योजना के तहत 10 महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें 10,000 रुपये का रिवॉल्विंग फंड दिया गया, जिससे बहनों ने अपनी आजीविका गतिविधि शुरू की।

वर्ष 2022 में 30 प्रतिमाओं से शुरुआत करने वाली बहनों ने 2023 में 65, 2024 में 100 और चालू वर्ष 2025 में करीब 250 प्रतिमाएँ तैयार कर वडोदरा सहित अन्य राज्यों में बेचीं। अब तक कुल 450 से अधिक प्रतिमाएँ बेची जा चुकी हैं, जिनसे लगभग 40,000 रुपये की आय अर्जित की गई है। प्रतिमाओं की कीमत आकार के अनुसार 600 से 1200 रुपये रखी गई है।

एनयूएलएम योजना से आत्मनिर्भर बनी इन महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर न सिर्फ आजीविका का साधन तैयार किया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का मजबूत संदेश भी दिया जा सकता है।

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