वडोदरा से लापता भाई-बहन चंबल में मिले, पारिवारिक तनाव से घर छोड़ गए थे

दादा और पिता की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर माँ के पास पहुँचे, 40 घंटे की तलाश के बाद पुलिस ने ढूंढ निकाला

वडोदरा से लापता भाई-बहन चंबल में मिले, पारिवारिक तनाव से घर छोड़ गए थे

वडोदरा शहर से लापता हुए भाई-बहनों की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई। दादा और पिता की मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर दोनों किशोर घर छोड़कर अपनी माँ के पास पहुँच गए थे। वडोदरा पुलिस ने 40 घंटे की तलाश और सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा के बाद दोनों को मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित चंबल के गाँव से सुरक्षित बरामद किया।

घटना तब सामने आई जब वडोदरा सिटी पुलिस स्टेशन में एक बुजुर्ग व्यक्ति पहुँचा और अपने पोते-पोती के अपहरण की आशंका जताई। पुलिस की जांच में पता चला कि मामला अपहरण का नहीं बल्कि पारिवारिक विवाद का है।

बच्चों का पिता नशे की लत से ग्रस्त था और मजदूरी करने के बावजूद परिवार का भरण-पोषण नहीं करता था। माँ पति की प्रताड़ना से तंग आकर पानी बेचने वाले एक व्यक्ति के साथ चली गई थी। पिता भी अपने पैतृक गाँव उत्तर प्रदेश में दूसरी महिला के साथ रह रहा था। माता-पिता दोनों द्वारा छोड़े गए बच्चे वडोदरा में अपने दादा के साथ रहते थे।

पुलिस ने घर के आसपास लगे कैमरों की जांच की तो दोनों भाई-बहन सुबह नौ बजे अकेले घर से निकलते दिखाई दिए। हालांकि, वे न तो एसटी बस स्टैंड और न ही रेलवे स्टेशन के कैमरों में नजर आए। मुखबिरों से मिली जानकारी पर पुलिस को पता चला कि उनकी माँ चंबल इलाके में अपने पुरुष मित्र के साथ रह रही है।

पुलिस टीम जब चंबल के गाँव पहुँची तो वहाँ घर खाली मिला, लेकिन ताज़ी कटी सब्जियाँ देखकर पुलिस को यकीन हुआ कि परिवार पास ही कहीं छिपा हुआ है। गाँव वालों की मदद से जब माँ को समझाया गया, तो वह दोनों बच्चों के साथ पुलिस टीम के सामने आई।

पुलिस पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे दादा और पिता की मानसिक यातना से तंग आ चुके थे। इसलिए वे वडोदरा से निकलकर गोधरा होते हुए अपने गृहनगर उत्तर प्रदेश पहुँचे। इस दौरान उनकी माँ ने उनके खर्च का इंतजाम किया था।

पुलिस के मुताबिक दोनों बच्चे फिलहाल सुरक्षित हैं और अपनी माँ के साथ रहना चाहते हैं। इस मामले ने फिर से स्पष्ट कर दिया है कि घरेलू कलह और सामाजिक तनाव बच्चों के भविष्य पर गहरा असर डालते हैं।

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