सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के समक्ष रखी दक्षिण गुजरात के उद्योगों की समस्याएँ

जीआईडीसी नीति, आईटीसी रिफंड, बिजली सब्सिडी और पीएम मित्र पार्क जैसे मुद्दों पर दिया विस्तृत प्रस्तुतीकरण

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के समक्ष रखी दक्षिण गुजरात के उद्योगों की समस्याएँ

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार, 1 सितंबर 2025 को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और वित्त मंत्री कनुभाई देसाई से मुलाकात कर उद्योग जगत से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी और उप सचिव पॉलिक देसाई के साथ पहुँचे प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से जीआईडीसी से संबंधित समस्याएँ, नकली वस्तुओं में 2023 से अवरुद्ध आईटीसी रिफंड, तथा उद्योगों को राहत पैकेज की मांग रखी।

प्रमुख मांगें इस प्रकार है।  स्थानांतरण नीति में सरलता और 2023 से अवरुद्ध आईटीसी रिफंड को पुनः चालू करना। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से उद्योगों को होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु वित्तीय राहत पैकेज। वर्ष 2001 की कपड़ा नीति के अंतर्गत वैट रिफंड लाभ को अगले दो वर्षों तक बढ़ाना।

कपड़ा क्षेत्र के लिए दो वर्षों तक बिजली दरों में ₹2 प्रति यूनिट की सब्सिडी। पीएम मित्र पार्क के लिए तत्काल मास्टर डेवलपर की नियुक्ति और चैंबर अध्यक्ष को एसपीवी बोर्ड में स्थान। जीआईडीसी में कार्यरत ऑटोमोबाइल बिक्री एवं सेवा इकाइयों को औद्योगिक दर्जा।

नगरपालिका क्षेत्रों से वाहन कर समाप्त करने का प्रस्ताव। झींगा पालन क्षेत्र में कृषि दरों पर बिजली उपलब्ध कराने की मांग। गुजरात कपड़ा नीति 2019 के अंतर्गत ऑफ़लाइन आवेदनों को मंजूरी।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इन प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दोनों ने सकारात्मक रुख अपनाया और आश्वासन दिया कि उद्योगों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।

चैंबर का मानना है कि इन मांगों पर अमल होने से दक्षिण गुजरात के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी और क्षेत्रीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।

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