सूरत : 'सेवा सेतु लोन मेला' सुशासन का नया मंत्र, अब केवल नारा नहीं, सेवा

विधायक पूर्णेश मोदी ने किया 'सेवा सेतु लोन मेला' का आयोजन, सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचा

सूरत : 'सेवा सेतु लोन मेला' सुशासन का नया मंत्र, अब केवल नारा नहीं, सेवा

सूरत। भारत की शासन व्यवस्था में 2014 के बाद एक बड़ा बदलाव आया है। अब शासन केवल नारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य क्रिया-आधारित योजनाओं का लाभ सीधे आम आदमी तक पहुँचाना है। इस नए सुशासन का एक बेहतरीन उदाहरण सूरत में आयोजित 'सेवा सेतु लोन मेला' है।

सेवा सेतु लोन मेला: एक 'वन-स्टॉप' समाधान 

सूरत के नवयुग कॉलेज में 10, 17 और 24 अगस्त को आयोजित यह मेला पश्चिम सूरत विधानसभा के विधायक पूर्णेश मोदी की पहल पर आयोजित किया गया था। इस मेले में सूरत नगर निगम, स्थानीय प्रशासन, बैंक, बीमा कंपनियाँ और सामाजिक नेताओं ने मिलकर काम किया। यह मेला नागरिकों, महिलाओं, युवाओं और छोटे व्यापारियों के लिए एक 'वन-स्टॉप' समाधान साबित हुआ, जहाँ उन्हें एक ही छत के नीचे तुरंत बैंक ऋण, बीमा, और दस्तावेज़ी सहायता मिल गई।

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर 'सेवा दिवस'

यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को 'सेवा दिवस' के रूप में मनाने की नई परंपरा का भी हिस्सा है। भव्य समारोहों और माल्यार्पण के बजाय, उनके जन्मदिन पर जनसेवा-आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो यह संदेश देता है कि विकास और सेवा ही सच्चा उत्सव है।

'केवल नारा नहीं...सेवा' यह नया मंत्र आज के सुशासन का सच्चा प्रतिबिंब है, और 'सेवा दिवस' के रूप में प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाना जन कल्याण की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति है।

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