सूरत : भादी अमावस्या महोत्सव का भव्य समापन: धोक, पूजा, मंगल पाठ और भजन-कीर्तन में झूमे श्रद्धालु

चार दिवसीय आयोजन में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलन, भजन संध्या और महाप्रसाद के साथ दादी रानीसती के जयकारे गूंजे

सूरत : भादी अमावस्या महोत्सव का भव्य समापन: धोक, पूजा, मंगल पाठ और भजन-कीर्तन में झूमे श्रद्धालु

 श्री शक्ति धाम सेवा समिति द्वारा आयोजित चार दिवसीय भादी अमावस्या महामहोत्सव का समापन शनिवार को भक्तिमय वातावरण में हुआ। अंतिम दिन सुबह 5 बजे धोक-पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जहां श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।

समिति अध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद सर्राफ और उपाध्यक्ष गोपाल कोटरीवाल ने बताया कि इस अवसर पर दादी रानीसती के साथ-साथ महादेव, ठाकुरजी-राधारानी, संकट मोचन हनुमान और खाटूवाले श्याम बाबा के भव्य दरबार को फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया गया।

दोपहर 2 बजे मंगल पाठ का आयोजन हुआ, जिसमें वाचिका कुसुमलता झुंझनुवाला और बबिता अग्रवाल ने संगीत के साथ चौपाइयों का वाचन किया। महिलाओं ने रंग-बिरंगी चुनरी धारण कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। संध्या 8 बजे भजन कलाकार राकेश अग्रवाल ने मधुर भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

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समिति उपाध्यक्ष विश्वनाथ पचेरिया ने बताया कि अखंड ज्योति प्रज्ज्वलन के साथ संध्याकालीन कार्यक्रम की शुरुआत हुई, वहीं समिति सदस्य अनूप जालान ने कहा कि पूरे पंडाल में दादी रानीसती, भगवान श्याम बाबा, हनुमानजी, बांके बिहारी और महादेव के जयकारे गूंजते रहे।

पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध में चक्रव्यूह में वीरगति को प्राप्त अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा को भगवान श्रीकृष्ण ने वरदान दिया था कि वह कलयुग में श्रीसती दादी के रूप में जन्म लेंगी और जनकल्याण करेंगी।

समापन दिवस पर मंदिर परिसर में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कतारों में लगे भक्त दादी के दर्शन करते रहे और भजनों पर झूमते रहे। आयोजन के अंत में सभी श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरित किया गया।

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