सूरत : ₹1550 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी, 1.5 लाख पन्नों की चार्जशीट दाखिल

88 दिनों की जाँच में 200 गवाहों के बयान लिए गए, सामान्य वाहन जाँच से शुरू हुई जाँच

सूरत : ₹1550 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी, 1.5 लाख पन्नों की चार्जशीट दाखिल

सूरत। शहर में साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। उधना पुलिस ने ₹1550 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में 88 दिनों की गहन जांच के बाद 1.5 लाख पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट न सिर्फ एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करती है, बल्कि दक्षिण गुजरात के इतिहास में अब तक की सबसे लंबी चार्जशीट भी है।

इस बड़े घोटाले का खुलासा 22 मई, 2025 को एक सामान्य वाहन जांच के दौरान हुआ। पुलिस ने एक वाहन चालक से पूछताछ की तो उसके पास से कुछ संदिग्ध बैंक दस्तावेजों मिले। इन दस्तावेजों की गहन जांच के बाद पुलिस को साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े नेटवर्क का पता चला।

जांच आगे बढ़ने पर पुलिस ने इस रैकेट के मास्टरमाइंड कीरत जाधवानी सहित चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को उनके पास से 165 संदिग्ध बैंक खाते मिले, जिनमें कुल ₹1550 करोड़ का लेनदेन हुआ था। ये खाते पूरे देश में फैले हुए थे और इनसे 2500 से अधिक ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें जुड़ी थीं, जिनमें से 37 शिकायतें सूरत शहर की थीं।

जांच में यह भी पता चला कि इस रैकेट में केवल साइबर अपराधी ही नहीं, बल्कि आरबीएल बैंक के आठ कर्मचारी भी शामिल थे। इन कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन खातों को खुलवाने में मदद की थी। पुलिस ने इन बैंक कर्मचारियों को भी तुरंत गिरफ्तार कर लिया।

उधना पुलिस ने इस मामले में दिन-रात काम किया। 88 दिनों की जांच के दौरान, उन्होंने साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों, बैंक कर्मचारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों सहित लगभग 200 लोगों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। इन बयानों, तकनीकी विश्लेषण और जुटाए गए सबूतों के आधार पर 1.5 लाख पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई है। इस चार्जशीट में 165 खातों में हुए सभी संदिग्ध लेनदेन का विस्तृत विवरण शामिल है।

यह मामला दिखाता है कि कैसे एक छोटी सी जांच भी बड़े अपराधों का पर्दाफाश कर सकती है और कैसे पुलिस तकनीक और कड़ी मेहनत का इस्तेमाल कर न्याय सुनिश्चित कर रही है।

Tags: Surat