सूरत : 'तापी के तारे' अभियान के तहत 28 आदिवासी बच्चे इसरो का दौरा कर लौटे

बच्चों ने पहली बार हवाई यात्रा की और वैज्ञानिकों से मिलकर लिया प्रेरणा; मंत्री डिंडोर और पटेल ने सूरत हवाई अड्डे पर किया स्वागत

सूरत : 'तापी के तारे' अभियान के तहत 28 आदिवासी बच्चे इसरो का दौरा कर लौटे

सूरत। 'विज्ञान सेतु-तापी के तारे' परियोजना के तहत इसरो की शैक्षिक यात्रा पर गए तापी जिले के 28 आदिवासी बच्चे आज सफलतापूर्वक सूरत लौट आए। आदिवासी विकास एवं शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर और वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल ने सूरत हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया और उनके अनुभवों को जाना।

यह यात्रा 10 से 13 अगस्त तक आयोजित की गई थी, जिसमें तापी जिले के 15 सरकारी स्कूलों के विज्ञान संकाय के 28 छात्रों ने भाग लिया था। इन बच्चों ने पहली बार हवाई यात्रा का अनुभव भी किया।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर ने कहा कि तापी जिला प्रशासन की यह पहल बेहद प्रेरणादायक है, जिसका उद्देश्य आदिवासी बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को अन्य आदिवासी जिलों में भी लागू करने का प्रयास किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि ऐसी अभिनव यात्राएँ बच्चों की कल्पना और सपनों को नई उड़ान देती हैं, जिससे वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने 'जय विज्ञान, जय अनुसंधान' के नारे का जिक्र करते हुए विज्ञान के महत्व पर जोर दिया।

तापी जिले के प्रभारी मंत्री मुकेशभाई पटेल ने कहा कि बच्चों ने इसरो के शोध कार्यों, अंतरिक्ष विज्ञान और भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को करीब से देखा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समूह के अधिक से अधिक बच्चे वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करेंगे।

कैसे हुआ छात्रों का चयन?

इन 28 छात्रों का चयन एक विशेष प्रक्रिया के तहत किया गया था। तापी जिले के 15 सरकारी स्कूलों के कक्षा 11 और 12 के विज्ञान के छात्रों के लिए एक 100 अंकों की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें कक्षा 9 और 10 की विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से प्रश्न पूछे गए थे। इस परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को इस शैक्षिक दौरे के लिए चुना गया।

छात्रों ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (इसरो) में प्रक्षेपण केंद्र की तकनीक, रॉकेट लॉन्च प्रक्रिया, रॉकेट के प्रकार और उपग्रहों के उपयोग के बारे में वैज्ञानिकों से जानकारी प्राप्त की। सभी छात्रों ने एक स्वर में कहा कि यह भ्रमण उनके लिए विज्ञान में करियर बनाने के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा।