सूरत में दो दिन बाद फिर बारिश, निचले इलाकों में जलभराव से हाल बेहाल
महज दो से ढाई इंच बारिश में फेल हुआ सूरत का स्टॉर्म ड्रेनेज सिस्टम, केमिकल युक्त पानी से लोग परेशान
सूरत। दो दिन के अंतराल के बाद रविवार सुबह से सूरत शहर में एक बार फिर तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जिससे शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। बारिश से मौसम सुहाना जरूर हो गया, लेकिन सड़कों पर भरे पानी ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दीं।
उधना-नवसारी रोड पर जहां केमिकल युक्त पानी भर गया, वहीं भेस्तान से कडोदरा तक का मुख्य मार्ग बुरी तरह जलमग्न हो गया। कई स्थानों पर जलभराव इतना अधिक था कि सड़कें नहर जैसी नजर आ रही थीं। वाहन रेंगते नजर आए, छोटी गाड़ियां बंद हो गईं और लोग कीचड़ और गंदे पानी से परेशान दिखे।
शहर के पाल, अडाजण, रांदेर, अठवालाइन्स, कतारगाम, उधना समेत कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते निचले हिस्सों में पानी भर गया है। कतारगाम कॉजवे रोड, वीआईपी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति देखने को मिली, जिससे ट्रैफिक जाम भी हुआ और पैदल यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हालात का जायजा लेने महापौर दक्षेश मावाणी और विधायक मनु पटेल मौके पर पहुंचे और नगर निगम अधिकारियों से चर्चा की। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर निगम का स्टॉर्म ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है, क्योंकि केवल दो से ढाई इंच की सामान्य बारिश में ही सड़कों पर जलजमाव हो गया।
निवासियों ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि नालों की समय पर सफाई नहीं होती और इसमें भी घोटाले हो रहे हैं। लोगों में यह रोष है कि सूरत जैसे विकसित शहर में बुनियादी जल निकासी व्यवस्था इतनी कमजोर कैसे हो सकती है।
नगर निगम के सातवें जोन, जिसे सबसे विकसित माना जाता है, वहां भी वीआईपी रोड पर पानी भरा देखा गया। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि अगर सामान्य बारिश में ही यह हाल है, तो तेज बारिश या बाढ़ जैसी स्थिति में क्या होगा?
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने और नालों की पारदर्शी सफाई व्यवस्था लागू करने की मांग की है।