सूरत : भाजपा नेता एवं हिन्दीभाषी महासंघ के महासचिव अरविंद सिंह ने आपातकाल सेनानी फकीरभाई चौहान से की भेंट
फकीरभाई चौहान जैसे योद्धाओं की वजह से आज हमारा लोकतंत्र ज़िंदा है : अरविंद सिंह
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिन्दीभाषी महासंघ के महासचिव अरविंद सिंह ने रविवार को आपातकाल के एक जीवित प्रतीक, मिट्टी के सच्चे सपूत और लोकतंत्र के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले फकीरभाई चौहान से व्यक्तिगत भेंट की।
वर्ष 1975 में देश पर थोपा गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दौर था। उस समय जब भय, दमन और सत्ता के दुरुपयोग ने संविधान को कुचलने की कोशिश की तब कुछ साहसी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने तानाशाही के सामने झुकने से इंकार कर दिया।
फकीरभाई चौहान उन्हीं योद्धाओं में से एक हैं, जिन्होंने न सिर्फ आवाज़ उठाई, बल्कि मीसाबंदी के रूप में जेल की यातनाएँ भी सही पर सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
श्री सिंह ने भावुक होते हुए कहा फकीरभाई जैसे लोग केवल व्यक्तित्व नहीं होते, वे विचार बन जाते हैं। वे चलता-फिरता इतिहास हैं जिनके संघर्ष ने हमें आज यह आज़ाद सांस लेने का अधिकार दिलाया है। उनकी आँखों में आज भी वही आग है जो 1975 में तानाशाही को चुनौती देने उठी थी।
उन्होंने आगे कहा आज जब लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी को हल्के में लिया जाता है, ऐसे में फकीरभाई जैसे महान योद्धाओं की याद दिलाना ज़रूरी है। उनकी ज़िंदगी हमें सिखाती है कि सत्ता बदल सकती है, लेकिन आत्मबल और राष्ट्रभक्ति अमर रहते हैं।
श्री सिंह ने उन्हें सूरत का गौरव, लोकतंत्र का प्रहरी और आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवंत प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि यह भेंट उनके जीवन के सबसे सम्मानजनक पलों में से एक रही। नमन है उस अदम्य साहस को, जिसने लोकतंत्र को झुकने नहीं दिया।