सूरत : कपड़ा बाजार में टेम्पो चालकों की महापंचायत, अवैध पार्किंग शुल्क के खिलाफ हड़ताल का ऐलान

पार्किंग माफियाओं की मनमानी से परेशान चालकों ने ग्रे कपड़े की डिलीवरी रोकी; प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप

सूरत : कपड़ा बाजार में टेम्पो चालकों की महापंचायत, अवैध पार्किंग शुल्क के खिलाफ हड़ताल का ऐलान

सूरत : कपड़ा बाजार क्षेत्र में पार्किंग शुल्क के नाम पर चल रही मनमानी और अवैध वसूली के खिलाफ टेम्पो चालक श्रमिकों ने बुधवार को रिंग रोड कपड़ा बाजार के कमेला दरवाजा के पास एक महापंचायत का आयोजन किया। इस बैठक में सर्वसम्मति से हड़ताल पर जाने और ग्रे कपड़े की डिलीवरी बंद करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

टेम्पो एसोसिएशन और मजदूर यूनियन पिछले कई महीनों से इस समस्या के समाधान की मांग कर रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण अब उन्होंने आंदोलन का रास्ता अपनाया है।

टेम्पो एसोसिएशन और मजदूर यूनियन ने कुछ महीने पहले ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, महानगरपालिका, दक्षिण गुजरात प्रोसेसर्स एसोसिएशन (SGPA), फोस्टा (FOSTA) और फोगवा (FOGWA) जैसे संबंधित विभागों को पत्र लिखकर इस गंभीर समस्या से अवगत कराया था। हालांकि, समस्या का समाधान होने के बजाय पार्किंग शुल्क में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती चली गई, जिसके चलते अब टेम्पो चालक श्रमिक आंदोलित हो उठे हैं।

टेम्पो एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा, "हम चाहते थे कि हड़ताल न हो और बातचीत से मामला सुलझाया जाए, लेकिन शासन और प्रशासन सहित किसी भी स्तर पर हमारी सुनवाई नहीं की जा रही है। इसलिए अब हड़ताल ही एकमात्र रास्ता बचा है।"

मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा ने कहा, "अब मनमानी का नंगानाच बहुत हुआ। गरीब टेम्पो चालक पार्किंग शुल्क के नाम पर अब और नहीं लूटेगा। जब तक पार्किंग शुल्क के नाम पर हो रही लूट बंद नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।"

मजदूर यूनियन के प्रवक्ता शान खान ने इस हड़ताल को "असहयोग आंदोलन" बताया। उन्होंने कहा, "टेम्पो चालक श्रमिकों का खून चूसकर अपनी तिजोरी भरने वालों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाना पड़ेगा।"

मील टेम्पो डिलीवरी कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के महासचिव सरोज तिवारी ने मौजूदा स्थिति को भयावह बताया। उन्होंने कहा, "आज के समय में बाजारों की पार्किंगों में प्रति घंटा 70 से 100 रुपये तक पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है। इतना पार्किंग शुल्क देंगे तो बचाएंगे क्या? अब आंदोलन के अलावा कोई मार्ग नहीं दिखता है।"

मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष फेनिल महादेववाला ने संबंधित विभागों की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "पार्किंग माफियाओं की मनमानी और अवैध वसूली के खिलाफ संबंधित विभागों की निष्क्रियता उनकी मिलीभगत का प्रमाण है। इसीलिए पार्किंग माफियाओं के साथ-साथ उनको संरक्षण देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी 'पोलखोल' आंदोलन करना पड़ेगा।"

प्रमुख समस्याएं जिनसे चालक जूझ रहे हैं:

  • अवैध पार्किंग स्थल: रिंग रोड, सूरत-कडोदरा रोड और कई निजी व मनपा के खुले प्लॉटों पर अवैध पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां टेम्पो चालकों से प्रति चक्कर 70 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की अवैध उगाही की जा रही है।

  • अवैध वसूली का तरीका: अधिकतर पार्किंग वाले न तो पार्किंग शुल्क वसूली का कोई बिल या पर्ची देते हैं और न ही उनके पास कोई कानूनी लाइसेंस या अनुमति है। इन पर किसी भी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है और इनके पास जीएसटी या गुमास्ता का पंजीकरण भी नहीं है।

  • मल्टीलेवल पार्किंग में धांधली: महानगरपालिका के मल्टीलेवल पार्किंग में भी गैरकानूनी तरीके से टेम्पो चालकों से एक ही पार्किंग बिल्डिंग और कंपाउंड में अलग-अलग कई बार पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है।

  • पे एंड पार्क में मनमानी: रिंग रोड स्थित महानगरपालिका के 'पे एंड पार्क' में ठेकेदार आवंटित पार्किंग क्षेत्र के बाहर भी वाहन पार्किंग करवा कर वाहन चालकों से पार्किंग शुल्क वसूल कर अपनी जेबें भर रहे हैं।

टेम्पो चालकों ने प्रशासन से इन समस्याओं का तुरंत समाधान करने और अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है, अन्यथा उनका आंदोलन जारी रहेगा।