सूरत : कपड़ा मशीनरी पर ओटीआर आदेश एक वर्ष के लिए स्थगित, एसजीसीसीआई ने जताया केंद्र सरकार का आभार

बुनाई और कढ़ाई मशीनों पर लागू क्यूसीओ आदेश की समयसीमा 2026 तक बढ़ी, मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

सूरत : कपड़ा मशीनरी पर ओटीआर आदेश एक वर्ष के लिए स्थगित, एसजीसीसीआई ने जताया केंद्र सरकार का आभार

सूरत। भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने कपड़ा बुनाई एवं कढ़ाई मशीनरी पर लागू सर्वव्यापी तकनीकी विनियमन (ओटीआर) आदेश को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया है। यह आदेश मूल रूप से 28 अगस्त, 2025 से लागू होने वाला था, लेकिन अब इसे 1 सितंबर, 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

एसजीसीसीआई अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि यह निर्णय दक्षिण गुजरात के कपड़ा उद्योग के लिए राहत लेकर आया है। उन्होंने कहा कि इस समयावधि विस्तार से देश में उच्च गुणवत्ता वाली बुनाई एवं कढ़ाई मशीनरी के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे “मेक इन इंडिया” अभियान को मजबूती मिलेगी।

चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती और अन्य औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हाल ही में नई दिल्ली में भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी, संयुक्त सचिव विजय मित्तल, निदेशक विकास डोगरा और कपड़ा सचिव नीलम शमी राव से मुलाकात कर ओटीआर आदेश को स्थगित करने की मांग रखी थी। चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला ने भी इस मुद्दे पर केंद्र को कई ज्ञापन सौंपे थे।

प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र को अवगत कराया था कि सूरत भारत का सबसे बड़ा मैन-मेड फैब्रिक (एमएमएफ) टेक्सटाइल हब है, जहां प्रतिवर्ष ढाई से चार हजार हाई-स्पीड बुनाई और कढ़ाई मशीनें आयात होती हैं। जबकि भारत में अभी इस स्तर की मशीनरी का उत्पादन सीमित है। वर्तमान में निवेश वॉटरजेट वीविंग, एयरजेट और रैपियर जैसी हाई-स्पीड तकनीकों में हो रहा है, ऐसे में समयपूर्व क्यूसीओ लागू करना उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता था।

एसजीसीसीआई ने कहा कि अब उद्योग को तैयारी का अतिरिक्त समय मिला है जिससे भारतीय निर्माता आयातित मशीनों के समकक्ष गुणवत्ता वाली मशीनें विकसित कर सकेंगे। इस निर्णय से न केवल उद्योग बल्कि देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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