वडोदरा : विश्वामित्री नदी की जल वहन क्षमता बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग का बड़ा अभियान पूरा

25.75 किमी हिस्से की सफाई, 10 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक मिट्टी हटाई; अजवा बैराज के निर्माण हेतु 80 करोड़ की निविदा जारी

वडोदरा : विश्वामित्री नदी की जल वहन क्षमता बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग का बड़ा अभियान पूरा

वडोदरा शहर को बाढ़ से बचाने और विश्वामित्री नदी की जल वहन क्षमता को बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा मरेठा से पिंगलवाड़ा तक कुल 25.75 किलोमीटर के नदी हिस्से की सफाई, रिसेक्शनिंग और डिसिल्टिंग का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस कार्य के दौरान कुल 10,42,150 क्यूबिक मीटर मिट्टी हटाई गई, जिसे वडोदरा, कर्जन और पादरा तालुका की ग्राम पंचायतों को उनकी मांग के अनुसार वितरित किया गया।

पिछले वर्ष आई बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस नदी कायाकल्प कार्य की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय बैठक की थी तथा स्थल पर जाकर निरीक्षण भी किया था। इसके बाद जल संसाधन मंत्री कुंवरजीभाई बावलिया और प्रभारी मंत्री हर्ष संघवी ने भी नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा की।

वडोदरा महानगरपालिका ने शहर के भीतर नदी की सफाई का जिम्मा संभाला जबकि नदी के बाहरी हिस्सों पर सिंचाई विभाग ने कार्य किया। कार्यकारी अभियंता मेहुल चौधरी ने बताया कि नदी से जुड़ने वाली मुख्य नहरों – जैसे बील-चापड़, वरनामा-धधर, वडसला-ईटोला आदि की 14 किलोमीटर की सफाई पूरी की गई है। वहीं, जाम्बुवा कोटर क्षेत्र में 16 किलोमीटर लंबा सफाई कार्य 15 जून तक पूरा किया जाएगा।

6 चेकडैम निर्माण योजना के तहत अब तक 5 चेकडैम का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष एक पर कार्य प्रगति पर है। साथ ही पंचायत सिंचाई विभाग द्वारा प्रस्तावित 8 चेकडैमों में से 4 का कार्य 118.17 लाख रुपये की लागत से पूरा हो चुका है, जबकि शेष 4 के मरम्मत कार्य 15 जून तक पूर्ण करने की योजना है।

दीर्घकालिक समाधान के रूप में, 80 करोड़ रुपये की लागत से 'अजवा बैराज' निर्माण की योजना हेतु निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है। साथ ही, बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत नदी पर बनाए गए 7 डायवर्जन हटाने के लिए विभाग ने पत्र भेजा है, जिनके मानसून से पूर्व हटाए जाने का आश्वासन मिला है। पर्यावरण सुरक्षा के तहत नदी में मौजूद मगरमच्छों की मांद जैसे संवेदनशील स्थलों को वन विभाग के मार्गदर्शन में संरक्षित रखा गया है। परियोजना स्थल तक पहुंच के लिए मशीनों से अस्थायी सड़कें बनाई गईं, जिससे यह कार्य और भी चुनौतीपूर्ण रहा।

Tags: Vadodara