राजकोट : गुजरात को क्षय रोग उन्मूलन में देश में पहला स्थान, राजकोट जिले की विशेष भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी के 'टीबी मुक्त भारत' अभियान को सफल बनाने में गुजरात सरकार का उल्लेखनीय योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किए गए “क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम” के तहत गुजरात सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य में वर्ष 2015 की तुलना में 2023 में नए टीबी मरीजों की संख्या में 34 प्रतिशत और मृत्यु दर में 37 प्रतिशत की कमी आई है। इस सफलता के लिए केंद्र सरकार ने गुजरात को “सबसे अधिक सुधार करने वाले राज्यों” में प्रथम स्थान प्रदान किया है।
इस अभियान में राजकोट जिला क्षय रोग निवारण केंद्र की भूमिका भी उल्लेखनीय रही है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 7 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक “सघन टीबी उन्मूलन अभियान” चलाया गया, जिसके अंतर्गत राजकोट जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1,52,603 उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 51,842 लोगों का एक्स-रे और 20,244 लोगों की बलगम जांच की गई, जिसमें 356 लोगों को टीबी से पीड़ित पाया गया और उनका उपचार शुरू कर दिया गया है।
राजकोट जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.आर. फुलमाली और क्षय रोग अधिकारी डॉ. घनश्याम मेहता के मार्गदर्शन में यह कार्य संपन्न हुआ। निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत, 772 उपचाराधीन रोगियों को कुल 34.29 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त ‘निक्षय मित्रों’ की सहायता से 1192 टीबी रोगियों को पोषण किट भी वितरित की गईं। इनमें अनाज, दाल, दूध और अन्य पौष्टिक खाद्य सामग्री शामिल हैं।
भारत सरकार ने टीबी उपचार के लिए एक सशक्त प्रोटोकॉल तैयार किया है, जिसमें रोगियों को उनकी जोखिम श्रेणियों के अनुसार विभाजित कर उपयुक्त उपचार प्रदान किया जाता है। प्रत्येक चरण में मरीज की स्थिति का आकलन किया जाता है, जिससे बीमारी की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।