वडोदरा : डूबने की घटनाओं पर लगाम के लिए वडोदरा प्रशासन सतर्क, मालसर और दिवेर में मॉक ड्रिल आयोजित

स्थानीय नागरिकों को ‘गोल्डन ऑवर’ के महत्व और सीपीआर जैसे जीवन रक्षक उपायों का दिया गया व्यावहारिक प्रशिक्षण

वडोदरा : डूबने की घटनाओं पर लगाम के लिए वडोदरा प्रशासन सतर्क, मालसर और दिवेर में मॉक ड्रिल आयोजित

वडोदरा जिले में जलाशयों के पास लगातार हो रही डूबने की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए मालसर और दिवेर जैसे लोकप्रिय जल स्थलों पर व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास में राज्य आपदा राहत बल (SDRF), आपदामित्र, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, तलाटी, सरपंच और आसपास के ग्रामीण नागरिकों ने भाग लिया।

ड्रिल का मुख्य उद्देश्य लोगों को “गोल्डन ऑवर” यानी दुर्घटना के बाद के पहले एक घंटे के महत्व से अवगत कराना था। इस दौरान नागरिकों को यह सिखाया गया कि कैसे वे आपात स्थिति में उचित कदम उठाकर किसी की जान बचा सकते हैं।

मॉक ड्रिल के दौरान SDRF की टीम ने डूब रहे व्यक्ति को बचाने की एक काल्पनिक घटना का प्रदर्शन किया और मौके पर ही CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने की प्रक्रिया को भी दिखाया। नागरिकों को भी इस तकनीक का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना में वे खुद भी बचाव कार्य में सहायक बन सकें।

इस अभ्यास में जीवन रक्षक उपकरणों जैसे नाव, लाइफ जैकेट, रस्सी आदि का उपयोग करते हुए अनियंत्रित और नियंत्रित स्थितियों में बचाव की विधियों को व्यावहारिक रूप से समझाया गया। यह पहल केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता और सतर्कता का भाव जागृत करने का भी प्रयास थी।

कार्यक्रम का समन्वय मामलतदार कार्यालय की टीम द्वारा किया गया, जो दोनों स्थानों पर पूरी सक्रियता से उपस्थित रही। महिसागर नदी के किनारे पूर्व में हुए मॉक ड्रिल के बाद यह कार्यक्रम वडोदरा जिले के जलाशयों के पास मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक और सशक्त कदम माना जा रहा है।

जिला प्रशासन की यह पहल न केवल पर्यटकों के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी आपदा प्रबंधन में भागीदार बनाकर सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल पेश करती है।

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