सूरत टेक्सटाइल मार्केट पर समय से पहले ही छाया मंदी का साया

हर साल जून-जुलाई में आती थी सुस्ती, इस बार मई से ही व्यापार प्रभावित : हरेश लालवाणी

सूरत टेक्सटाइल मार्केट पर समय से पहले ही छाया मंदी का साया

टेक्सटाइल उद्योग में देशभर में प्रमुख स्थान रखने वाले सूरत शहर के व्यापारिक माहौल में इस वर्ष सामान्य से पहले ही सुस्ती देखने को मिल रही है। सूरत सिंधी क्लोथ एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेश लालवाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल जहां जून-जुलाई के महीनों में कपड़ा बाजार में मंदी का असर देखा जाता था, वहीं इस बार मई माह से ही कारोबार ठप पड़ने लगा।

लालवाणी ने लोकतेज से बातचीत में कहा कि मार्केट में पहले जैसी मांग नहीं रही, और जो माल बाहर की मंडियों में भेजा गया था, वह भी अब वापस लौटने लगा है। इससे व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ी है न केवल बिक्री रुकी है, बल्कि माल की वापसी से घाटा और बढ़ गया है।

सूरत टेक्सटाइल इंडस्ट्री न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कपड़ा सप्लाई करती है। हजारों व्यापारी रोज़ाना यहां होलसेल खरीदी करने आते हैं। बावजूद इसके, इस बार कारोबार में आई अचानक गिरावट ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है।

लालवाणी के अनुसार यह मंदी केवल सूरत तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई हिस्सों में कपड़ों की बिक्री ठप हो गई है। उन्होंने इसे रोजगार, उत्पादन और पूरे टेक्सटाइल इकोसिस्टम के लिए चेतावनी बताया।

 लोकतेज द्वारा बात किए गए अन्य व्यापारियों ने भी मंदी की पुष्टि की। उनका कहना है कि,  हर साल जून-जुलाई में कारोबार में गिरावट आती थी, लेकिन इस बार मई से ही बाजार में मंदी का माहौल है। हालांकि, कुछ व्यापारियों को उम्मीद है कि जुलाई के अंत एवं अगस्त के पहले सप्ताह से व्यापार में फिर से तेजी आएगी।

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