सूरत : शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट के आग पीड़ित जरूरतमंद व्यापारी अब भी मदद की बाट जोह रहे!
सूरत के हजारों व्यापारियों से मदद की उम्मीद, एकजुटता के जरिए पीड़ितों को फिर से खड़ा करने की अपील : कांतिलाल मीठालाल जैन
सूरत के प्रसिद्ध शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में 27 फरवरी को शॉर्ट सर्किट के कारण भयंकर आग लग गई थी, जिसने सैकड़ों दुकानों को जलाकर खाक कर दिया। इस हादसे ने कई व्यापारियों की वर्षों की पूंजी और मेहनत को राख में बदल दिया। इस अग्निकांड पर काबू पाने में दमकल विभाग को दो दिन लगे, लेकिन तब तक व्यापारियों को अपूरणीय नुकसान हो चुका था।
इस त्रासदी के बाद, फोस्टा (FOSTA) और अन्य व्यापारिक संगठनों द्वारा रिलीफ फंड की पहल की गई थी, जिसमें करीब 45 लाख रुपये जमा किए गए। हालांकि, पीड़ितों की संख्या और नुकसान की गंभीरता को देखते हुए यह राशि नाकाफी साबित हुई, जिसके चलते फोस्टा ने फंड लौटाने का निर्णय लिया है।
राठी पैलेस के वरिष्ठ व्यापारी कांतिलाल मीठालाल जैन ने "लोकतेज" से बातचीत में इस पूरी स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “शिवशक्ति मार्केट की यह घटना न केवल वहां के व्यापारियों के लिए, बल्कि पूरे सूरत के कपड़ा व्यापार जगत के लिए एक चेतावनी है। कुछ व्यापारी सक्षम हैं, लेकिन कई तो साझेदारी में या उधारी लेकर व्यापार कर रहे थे, जिनकी आज हालत बेहद दयनीय हो चुकी है।”
उन्होंने कहा कि अब जरूरत है सूरत के व्यापारियों की एकजुटता की। सूरत में करीब 55,000 से 60,000 कपड़ा व्यापारी हैं। यदि हर व्यापारी ₹5,000 से ₹10,000 का योगदान करे, तो एक बड़ी धनराशि इकट्ठी हो सकती है, जिससे पीड़ितों को फिर से व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलेगी।
कांतिलाल जैन ने सभी व्यापारिक संगठनों और मार्केट एसोसिएशनों से अपील की है कि इस मानवीय सहायता अभियान को संगठनात्मक रूप दिया जाए, जिससे यह प्रक्रिया पारदर्शी, व्यवस्थित और प्रभावी हो।
“*एकजुटता में ताकत है और आज यही एकजुटता, शिवशक्ति मार्केट के पीड़ितों की सबसे बड़ी उम्मीद बन सकती है।”
शिवशक्ति मार्केट की यह आपदा सूरत के कपड़ा व्यापार के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, लेकिन यदि व्यापारिक समुदाय साथ खड़ा होता है, तो यह संकट नई उम्मीद और पुनर्निर्माण की कहानी में बदल सकता है।