सूरत : विवाह वर्षगांठ पर अनोखा संकल्प, अंगदान, नेत्रदान एवं बालों का दान कर पेश की मिसाल
जिगरभाई और चेतनाबेन मोदी ने 22वीं सालगिरह को बनाया मानव सेवा का पर्व, लोकदृष्टि आई बैंक में लिया संकल्प
सूरत के अडाजन क्षेत्र में रहने वाले जिगरभाई मोदी और चेतनाबेन मोदी ने अपनी 22वीं विवाह वर्षगांठ को एक पारंपरिक उत्सव की बजाय मानव सेवा के संकल्प दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर उन्होंने नेत्रदान, देहदान और अंगदान का संकल्प लिया। साथ ही चेतनाबेन ने कैंसर पीड़ितों के लिए अपने बालों का भी दान किया। यह संकल्प उन्होंने 30 वर्षों से कार्यरत लोक दृष्टि आई बैंक और रेड क्रॉस के अध्यक्ष डॉ. प्रफुल्ल शिरोया की उपस्थिति में लिया। दोनों मूलतः खेरालु तालुका के चान सोत गांव से हैं और वर्तमान में अडाजन में अन्नपूर्णा होटल का संचालन करते हैं।
मोदी दंपति ने बताया कि वे चाहते हैं कि उनका शरीर मृत्यु के बाद मेडिकल छात्रों के अध्ययन के काम आए और उनके अंग ज़रूरतमंदों को जीवन दे सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मस्तिष्क काम करना बंद कर दे या अचानक मृत्यु हो जाए, तो उनके अंग और नेत्र दान किए जा सकें।
यह पहला अवसर नहीं है जब मोदी परिवार ने सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया हो। वे अनाथ आश्रमों, आश्रम शालाओं और वंचित वर्गों के लिए नियमित सेवाकार्य करते हैं। कई बार वे पुल के नीचे रहने वाले लोगों को अपनी होटल में बना ताज़ा भोजन वितरित करते हैं। साथ ही वे रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान और देहदान के प्रति जागरूकता अभियान भी आयोजित करते रहते हैं।
चेतनाबेन ने भावुक होकर बताया कि “स्त्री की शोभा उसके बाल होते हैं, लेकिन जब ये बाल किसी कैंसर पीड़ित के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं, तो इनका त्याग सबसे सुंदर है।” उन्होंने अपने बाल विग (बालों की टोपी) हेतु दान कर दिए। चेतनाबेन के पिता कन्हैयालाल भगवानदास मोदी, जो कि 71 वर्षीय सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, उन्होंने भी उंझा स्थित सद्भावना चैरिटेबल ट्रस्ट में अंगदान का संकल्प पत्र भरा है।
इस अवसर पर पुत्र निकुर, होमगार्ड्स के मेडिकल अधिकारी डॉ. जिग्नेश पटेल, सचिन यूनिट के अधिकारी थॉमस, और होमगार्ड्स के श्याम जामोदे की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। जहाँ एक ओर समाज में शादी की सालगिरहों को दिखावे और खर्च के रूप में मनाया जाता है, वहीं जिगरभाई और चेतनाबेन मोदी ने अपने संकल्पों से यह दिखा दिया कि मानव सेवा ही सच्चा उत्सव है। उनके इस कदम से न केवल कई ज़िंदगियाँ रोशन होंगी, बल्कि यह समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी बनेगा।
