सूरत में ईपीएफओ के साथ एसजीसीसीआई ने आयोजित किया ओपन हाउस
दावा निपटान में सूरत ईपीएफओ देश में पांचवें स्थान पर, कर्मचारियों और नियोक्ताओं को मिली महत्वपूर्ण जानकारी
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने सरसाना स्थित समहति वेन्यू में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सहयोग से एक ओपन हाउस का आयोजन किया। इस सत्र में गुजरात ईपीएफओ के अतिरिक्त केंद्रीय पीएफ आयुक्त सुदीप्त घोष मुख्य अतिथि और सूरत क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त संजय सिंह गुर्जर विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
चैंबर अध्यक्ष विजय मेवावाला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस ओपन हाउस का उद्देश्य दक्षिण गुजरात के विभिन्न संगठनों और ईपीएफओ के बीच संवाद स्थापित कर संबंधित मुद्दों पर समाधान निकालना था। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पीएफ से जुड़े सवाल अधिकारियों के सामने रखे और उन्हें संतोषजनक उत्तर प्राप्त हुए।
इस अवसर पर ईपीएफओ अधिकारियों ने हाल ही में लागू किए गए विभिन्न सुधारों और सुविधाओं की जानकारी दी, जैसे:
ऑटो ट्रांसफर सुविधा: नौकरी बदलने के बाद पीएफ राशि का स्वत: हस्तांतरण
ऑटो-मोड क्लेम प्रोसेसिंग: ₹5 लाख तक के अग्रिम दावों की तत्काल स्वीकृति
ईडीएलआई बीमा लाभ: एक वर्ष से कम सेवा वाले कर्मचारियों के निधन पर ₹50,000 तक लाभ
यूएएन अनब्लॉक सुविधा: कर्मचारी स्वयं यूएएन अनब्लॉक कर सकते हैं
जीवन प्रमाण पत्र: पेंशनभोगी अब आधार फेस ऑथेंटिकेशन ऐप के माध्यम से घर बैठे प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं
इसके अलावा, अधिकारियों ने ईपीएफ पंजीकृत संस्थाओं को डिजिटल सिग्नेचर अपडेट करने, यूएएन एक्टिवेशन, और केवाईसी अपडेट जैसे जरूरी कार्य जल्द पूरा करने की सलाह दी। ठेका श्रमिकों के पीएफ भुगतान की जिम्मेदारी मुख्य नियोक्ता पर होने की जानकारी भी साझा की गई।
कार्यक्रम में पीएफ कानून, श्रमिक-नियोक्ता के लाभ और अनुबंध श्रमिकों से संबंधित जिम्मेदारियों पर पीपीटी प्रस्तुति भी दी गई। ईपीएफओ अधिकारियों ने "निधि आपके निकट" अभियान की जानकारी दी, जो सूरत, नवसारी और तापी जिलों में हर महीने की 27 तारीख को आयोजित किया जाता है।
एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, सूरत ईपीएफओ कार्यालय को पूरे भारत में 150 से अधिक पीएफ कार्यालयों में से पीएफ दावों के 10 दिन के भीतर निपटान में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसके तहत 99.79% दावे 10 दिन के भीतर और 56.85% दावे तीन दिन में निपटाए जाते हैं। वहीं, दावा अस्वीकृति दर मात्र 17% है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है।
कार्यक्रम में एसजीसीसीआई के मानद मंत्री नीरव मंडलेवाला ने संपूर्ण आयोजन की जानकारी दी। इस अवसर पर एसजीपीसी के अध्यक्ष नीरव राणा, सूरत लेबर लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष निमेश पटेल, यूनियन और एमएसएमई सेक्टर के प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन चैंबर की श्रम कानून समिति के अध्यक्ष सोहेल सवानी ने किया।
ओपन हाउस के अंत में अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि वे कार्यालय समय के दौरान नियोक्ताओं और यूनियन प्रतिनिधियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। ईपीएफओ द्वारा इस प्रकार की पहल से श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी।
