सूरत की अंबाजी टेक्सटाइल मार्केट बनारसी साड़ियों और ड्रेस मैटेरियल का प्रमुख केंद्र

1000 दुकानों वाली इस मार्केट में देशभर के व्यापारियों के लिए कॉटन और डाइड फैब्रिक की होलसेल सप्लाई

सूरत की अंबाजी टेक्सटाइल मार्केट बनारसी साड़ियों और ड्रेस मैटेरियल का प्रमुख केंद्र

 रिंग रोड के सलाबतपुरा क्षेत्र में स्थित अंबाजी टेक्सटाइल मार्केट आज देशभर में ड्रेस मैटेरियल, डाइड फैब्रिक्स और बनारसी साड़ियों के थोक व्यापार के लिए जानी जाती है। वर्ष 2000 में स्थापित इस मार्केट का नेतृत्व वर्तमान में अध्यक्ष अशोक भाई अग्रवाल कर रहे हैं, जो फोस्टा (FOSTA) के डायरेक्टर भी हैं।

तिरुपति टैक्स फैब के संचालक आशुतोष अग्रवाल ने लोकतेज से बातचीत में बताया कि वे 2006 से इस मार्केट में सलवार सूट ड्रेस मैटेरियल का व्यापार कर रहे हैं। उनका कारोबार मुख्यतः होलसेल मॉडल पर आधारित है, जिसके अंतर्गत वे बिहार, झारखंड, कोलकाता और उत्तर प्रदेश की मंडियों में कपड़ा सप्लाई करते हैं।

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आशुतोष अग्रवाल (तिरूपति टैक्स फैब)

 

उन्होंने बताया कि उनके उत्पादों में करीब 80 प्रतिशत कपड़ा कॉटन होता है, शेष पॉलिस्टर और कॉटन का मिश्रण। थोक कीमत की बात करें तो रु. 200 से रु. 600 तक सूट-सलवार सेट उपलब्ध कराए जाते हैं। वे केवल रजिस्टर्ड एजेंटों के माध्यम से व्यापार करते हैं और हाल ही में फोस्टा संगठन से भी जुड़ चुके हैं। व्यापारिक सुझाव देते हुए आशुतोष ने अन्य व्यापारियों को लालच से बचने और सतर्कता से व्यापार करने की सलाह दी ताकि संभावित धोखाधड़ी से बचा जा सके।

मार्केट के सचिव तेजस देसाई ने जानकारी दी कि मार्केट की सुचारु संचालन के लिए 11 सदस्यों की समिति गठित की गई है। इसके कोषाध्यक्ष श्रीनिवास काबरा हैं, जबकि हिमांशु पिछले 5 वर्षों से मार्केट मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं।

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तेजस देसाई (सचिव)

 

सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से भी अंबाजी मार्केट एक मिसाल बन रही है। यहां सीसीटीवी कैमरे, सिक्योरिटी गार्ड, फायर सेफ्टी सिस्टम, और स्वच्छता व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही ऊर्जा संरक्षण की दिशा में सोलर पैनल आधारित लाइटिंग सिस्टम भी लगाया गया है। वर्तमान में अंबाजी मार्केट में लगभग 1000 दुकानें संचालित हो रही हैं और यह सूरत के प्रमुख टेक्सटाइल हब्स में से एक बन चुकी है, जहाँ से देशभर के व्यापारी होलसेल खरीदी करते हैं।

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