राजकोट : वेरावल पंचायत की अनोखी पहल, रात 10:30 बजे तक खुला रहता है पंचायत कार्यालय

मजदूरों और किसानों की सुविधा के लिए पंचायत ने बदले कार्य समय, हेल्पलाइन और डिजिटल सेवाओं से गांव बन रहा है मिसाल

राजकोट : वेरावल पंचायत की अनोखी पहल, रात 10:30 बजे तक खुला रहता है पंचायत कार्यालय

राजकोट जिले के कोटडा सांगानी तालुका स्थित वेरावल गांव की ग्राम पंचायत इन दिनों अपने अभिनव प्रयासों के कारण चर्चाओं में है। जहां आमतौर पर सरकारी कार्यालय सुबह 10:30 से शाम 6:10 तक सीमित रहते हैं, वहीं वेरावल पंचायत नागरिकों की सेवा के लिए रात 10:00 से 10:30 बजे तक भी खुली रहती है।

यह अनूठी पहल विशेष रूप से मजदूरों और किसानों के हित में की गई है, ताकि वे दिन का काम निपटाकर रात में आराम से पंचायत की सेवाएं ले सकें। गांव के सरपंच रविराजसिंह जडेजा ने बताया कि क्षेत्र में कई लघु उद्योग स्थित हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं। उनकी सुविधा के लिए पंचायत को देर रात तक खुला रखा जाता है। इसका लाभ हर माह 2000 से 2500 नागरिकों को मिल रहा है।

सरपंच जडेजा ने बताया कि नागरिकों की समस्याएं तुरंत हल करने के लिए पंचायत ने हेल्पलाइन नंबर (97122, 99298) जारी किए हैं। ग्रामीण व्हाट्सएप पर फोटो, वीडियो या संदेश भेजकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। समाधान होने के बाद पंचायत स्वयं संपर्क कर प्रतिक्रिया प्राप्त करती है और फिर शिकायत बंद की जाती है।

वेरावल पंचायत ने ई-श्रम कार्ड के क्रियान्वयन में पूरे राजकोट जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है। अब तक 3816 कार्ड जारी किए जा चुके हैं। पंचायत रंगीन कार्ड छापकर लेमिनेट करती है और कार्यकर्ताओं को सौंपती है। साथ ही, 4942 राशन कार्ड ई-केवाईसी के साथ वेरावल जिले की पहली पंचायत बन गई है। 

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गांव में स्थित 6 प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 2480 बच्चों को पंचायत द्वारा स्टील के बर्तन और चम्मच प्रदान किए गए हैं। कर का भुगतान करने वाले नागरिकों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए दो कूड़ेदान भी दिए गए हैं। सरपंच के अनुसार, गांव में 11,000 नल कनेक्शन हैं और प्रत्येक घर तक पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, स्लम बिजली कनेक्शन योजना के तहत 4,500 से अधिक बिजली कनेक्शन दिए गए हैं।

7 मार्च 2024 को मंत्री सोनिया गांधी और भानुबेन बाबरिया द्वारा नए पंचायत भवन का उद्घाटन हुआ था। उसी दिन पंचायत ने निर्णय लिया कि तलाटी व अन्य कर्मचारी मिलकर देर रात तक कार्य करेंगे। पंचायत के तलाटी पराग वसोया ने बताया कि कार्यालय सुबह समय पर खुलता है और रात्रि में भी पूरा कार्यकाल जारी रहता है।

वेरावल पंचायत में कार्यरत पांच ऑपरेटरों की टीम पूरे समर्पण से काम करती है। सरपंच का कहना है कि गांव के लोग खुद आगे आकर सहयोग करते हैं, जिससे यह रात्रिकालीन सेवा सफल हो सकी है। वेरावल ग्राम पंचायत की यह पहल दिखाती है कि जब स्थानीय शासन में नवाचार और जनसेवा का जज़्बा हो, तो सरकारी व्यवस्थाएं भी आम नागरिकों की ज़िंदगी आसान बना सकती हैं। वेरावल अब न केवल ‘गांव बोलता है’ का प्रतीक है, बल्कि वह ‘गांव जागता है और जनता के लिए जीता है’ की मिसाल भी बन चुका है।

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