राजकोट : सौराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश से किसानों को करोड़ों का नुकसान
चक्रवाती हवाओं से आम की फसल सहित तिल, मूंग, उड़द नष्ट; बगसरा सब्जी मंडी में पानी भरा, 20 गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित
सौराष्ट्र क्षेत्र में मौसम का मिजाज बिगड़ता जा रहा है। लगातार पांचवें दिन दोपहर के समय तूफानी हवाओं और बेमौसम बारिश ने जनजीवन के साथ-साथ कृषि और पशुधन को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा असर कोटडासांगानी, मालियाहाटिना, जूनागढ़, बगसरा, वंथली, सावरकुंडला, और धारी क्षेत्रों में देखने को मिला है।
कोटडासांगानी के भाडवा गांव में एक घंटे में 5 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे नदियां उफान पर आ गईं और गोंडली बांध में दो फीट पानी भर गया। क्षेत्र में गरज-चमक के साथ 20 मिमी वर्षा भी हुई। रामोद नाना मांडवा रोड पर बिजली गिरने से पीजीवीसीएल के तीन ट्रांसफार्मर जल गए, 45 खंभे गिर पड़े और 20 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। हालांकि मरम्मत कार्य कर बिजली आपूर्ति बहाल की गई।
मालियाहाटिना के आम्बेचागीर गांव में मिनी चक्रवात और ढाई से तीन इंच बारिश ने आम के बागों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। खेतों में पानी भरने से तिल, मूंग और उड़द की फसलें भी बर्बाद हो गईं। बगसरा में एक इंच बारिश से सब्जी मंडी में पानी भर गया, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों को भारी परेशानी हुई। जूनागढ़ शहर में शाम को अचानक तेज बारिश हुई, जिससे वातावरण ठंडा हो गया। गिरनार और भवनाथ क्षेत्रों में भी मौसम ने करवट ली और बेमौसम बारिश हुई।
बाटवा से सराडिया तक तीन इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे खेतों और हाईवे पर पानी भर गया। वंथली, भेंसण, विसावदर, मालिया, भेंदरवा में भी बारिश हुई, जबकि बाटवा में दो घंटे में तीन इंच बारिश से पशुधन आश्रयों और जानवरों को भारी नुकसान हुआ। सावरकुंडला तालुका में लगातार तीसरे दिन डेढ़ इंच बारिश हुई। यहां के किसानों को खड़ी फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है। धारी और गिर क्षेत्र के ऊपरी गांवों में भी चौथे दिन तेज गर्जना और बिजली के साथ बारिश हुई।
कुल मिलाकर, इस बेमौसम बारिश और चक्रवाती गतिविधियों ने किसानों और पशुपालकों को करोड़ों रुपए के नुकसान में डाल दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि सरकारी राहत और सर्वेक्षण कार्य शीघ्र शुरू किया जाए।