राजकोट : जूनागढ़ और राजकोट समेत कई जिलों में मूसलाधार बारिश, नदियाँ उफान पर

राजकोट : जूनागढ़ और राजकोट समेत कई जिलों में मूसलाधार बारिश, नदियाँ उफान पर

सौराष्ट्र में मेघराजा का धमाकेदार आगमन, विसावदर और मालिया हाटीना में सबसे ज्यादा बारिश, ओजट-2 और अन्य बांधों में आया नया पानी

आषाढ़ महीने की शुरुआत के साथ ही सौराष्ट्र क्षेत्र में मानसून ने ज़ोरदार दस्तक दी है। गुरुवार सुबह से ही जूनागढ़, राजकोट और अमरेली जिलों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। जूनागढ़ जिले के मालिया हाटीना और विसावदर पंचायतों में क्रमशः 135 मिमी (5.3 इंच) और 118 मिमी (4.6 इंच) बारिश दर्ज की गई, जिससे आंबाजल और ध्राफड बांध ओवरफ्लो हो गए। भारी वर्षा के चलते पोपटडी और मैयारी नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई और मालिया के बाजारों में जलभराव हो गया।

केशोद की उतावली नदी में एक महिला के डूबने की खबर है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। वहीं गिरनार पर्वत क्षेत्र में दो घंटे में तीन इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे वन क्षेत्रों में झरनों और नदियों में उफान देखा गया। कोडिनार के गिर वन क्षेत्र में 8 से 10 इंच तक बारिश होने के कारण शिंगोडा नदी उफान पर आ गई और कनकेश्वरी माताजी मंदिर परिसर में पानी घुस गया। पास में स्थित भूदरजी बापा डेयरी भी जलमग्न हो गई।

गिरसोमनाथ जिले के प्रसिद्ध जामजीर झरने में बड़ा हादसा टल गया जब दीव से आए छह पर्यटक तेज बहाव में फंस गए। लेकिन समय रहते अग्निशमन दल, पुलिस और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयास से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

अमरेली जिले में वडिया में ढाई इंच, बाबरा व अमरेली में दो इंच, खांभा में एक इंच, बगसरा में 0.75 इंच और लाठी में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। कालूभार नदी उफान पर बहने लगी और करियाणा और रामपरा झीलों में नया पानी भर गया।

राजकोट शहर में भी मेघराजा ने खूब जलवर्षा की। एक घंटे में दो इंच बारिश से शहर के निचले इलाकों में जलभराव हो गया। माधापर चौकड़ी और 150 फीट रिंग रोड जैसे क्षेत्रों में जलभराव के दृश्य नदी जैसे बन गए। जखरापीर-पाल ब्रिज पर पानी भरने से ट्रैफिक बंद कर दिया गया। अन्य इलाकों की बात करें तो लोधिका में 2 इंच, पडधरी, कोटडासांगाणी और जसदण में आधा इंच तक बारिश दर्ज की गई है।

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