राजकोट : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का आयात पर असर, सूखे मेवों की कीमतों में भारी उछाल
ड्राईफ्रूट्स 100 से 300 रुपये प्रति किलो तक महंगे, मगथरी बीजों की कीमत भी बढ़ी
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब व्यापार पर विशेष रूप से सूखे मेवों (ड्राईफ्रूट्स) के बाजार में साफ़ तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद दोनों देशों के बीच हालात और अधिक बिगड़ गए हैं। इस स्थिति के चलते अफगानिस्तान से अंजीर और पिस्ता, तथा पाकिस्तान से अन्य मेवों का आयात भी प्रभावित हुआ है।
व्यापारियों के अनुसार, इस आपूर्ति संकट के चलते प्रमुख सूखे मेवों की कीमतों में रु.100 से रु.300 प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि हो गई है। आने वाले समय में कीमतों में और इज़ाफा होने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में प्रमुख ड्रायफ्रुट की कीमतें काजू (साबुत) रु.1100–रु.1200 से बढ़कर रु.1400 प्रति किलो, काजू (विभाजित) रु.850 से बढ़कर रु.1050 प्रति किलो, काजू (टुकड़ा) रु.800 से बढ़कर रु.980 प्रति किलो, बादाम रु.680 से बढ़कर रु.790–रु.1000 प्रति किलो हो गया है। जबकि अंजीर रु.900–रु.1000 से बढ़कर रु.1300 प्रति किलो, अखरोट (साबुत) रु.450 से बढ़कर रु.650 प्रति किलो हो गया है।
वहीं, राजकोट और सौराष्ट्र क्षेत्र में पंजाबी व्यंजन की ग्रेवी में उपयोग होने वाली मगथरी की फलियां भी महंगी हो गई हैं। सूडान में गृहयुद्ध जैसे हालात के कारण इस बीज का आयात प्रभावित हुआ है। पहले रु. 500 प्रति किलो मिलने वाला मगथरी बीज अब रु.700 प्रति किलो हो गया है। व्यापारियों का मानना है कि यदि भारत-पाकिस्तान और अन्य संबंधित देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ, तो ड्राईफ्रूट्स और मसालों की कीमतों में और वृद्धि देखने को मिल सकती है, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ना तय है।