राजकोट : विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर चेतावनी: ‘साइलेंट किलर’ से रहें सतर्क
17 मई को मनाया गया जागरूकता दिवस, डॉ. कोमल कुमार ने बताए बीपी नियंत्रण के उपाय, "दवा के साथ जीवनशैली और आहार सुधारें, लंबा जीवन पाएं"
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर में बिना शोर किए गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 17 मई को ‘विश्व उच्च रक्तचाप दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है: "अपने रक्तचाप को सही ढंग से मापें, इसे नियंत्रित करें, दीर्घायु हों।"
एम्स राजकोट के मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कोमल कुमार जांगिड़ ने बताया कि आज के समय में शहरी क्षेत्रों में 60 वर्ष तक की उम्र का हर तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर चौथे या पांचवें व्यक्ति को यह समस्या होती है। डॉ. कुमार ने कहा कि उच्च रक्तचाप को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि प्रारंभिक अवस्था में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। जब रक्तचाप 140 या 150 के स्तर पर पहुंचता है, तब भी रोगी को पता नहीं चलता, लेकिन यह धीरे-धीरे शरीर के अंगों को क्षति पहुंचाता है। 180 मिमी/एचजी के आसपास होने पर पीठ दर्द, चक्कर आना, दृष्टि में धुंधलापन, सीने में दर्द, पसीना और घबराहट जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं, जो गंभीर संकेत हैं।
डॉ. कोमल कुमार के अनुसार, बीपी के उपचार के लिए केवल दवा पर्याप्त नहीं है, बल्कि जीवनशैली में बदलाव, सही आहार और नियमित व्यायाम भी जरूरी हैं। उन्होंने उपायों की सुझाव दी है, जिसमें डैश आहार यानी फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल हों। नमक, अचार, पापड़, फास्ट फूड और तेल का सेवन कम करें। 45 मिनट की नियमित पैदल चाल या योग करें। घर पर रक्तचाप मॉनिटर रखें और डॉक्टर की सलाह से समय-समय पर जांच करते रहें। यदि परिवार में बीपी का इतिहास है तो 30 वर्ष की उम्र से नियमित जांच शुरू कर दें।
डॉ. कुमार का कहना है, "हमारा शरीर सदियों से जिस पारंपरिक भोजन पर बना है, वही हमारे लिए उपयुक्त है। जितना हो सके, प्राकृतिक और पारंपरिक खान-पान पर टिके रहें।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीपी से डरने की जरूरत नहीं, यदि समय पर निदान और नियंत्रण किया जाए तो मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। उच्च रक्तचाप का सही समय पर पता लगाना और उसका नियमित प्रबंधन ही इसका सबसे प्रभावी इलाज है। जागरूकता, जांच और डॉक्टर की सलाह से हम इस साइलेंट किलर पर नियंत्रण पा सकते हैं और एक स्वस्थ, सक्रिय और लंबा जीवन जी सकते हैं।
