सूरत : बेमौसम बारिश और तूफान ने बिगाड़ा आम का स्वाद, कीमतों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी
15 से 20 प्रतिशत फसल बर्बाद, केसर और हापुस जैसे प्रीमियम आमों की कीमतों में तेज उछाल
गर्मी की सबसे पसंदीदा फसल आम इस वर्ष बेमौसम बारिश और तूफान की मार से बुरी तरह प्रभावित हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आम की कीमतों में 35 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मौसम की मार के कारण 15 से 20 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है, जिससे बाजार में आम की आपूर्ति घट गई है और इसके चलते कीमतें आसमान छू रही हैं।
सूरत के प्रसिद्ध आम व्यवसायी और ‘शिवम केरी भंडार’ के संचालक संतोष मिश्रा ने बताया कि, "इस साल फसल की शुरुआत अच्छी रही थी और उत्पादन संतोषजनक था, लेकिन हाल ही में आई तेज बारिश और तूफान ने आम की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को प्रभावित किया है।" संतोष मिश्रा के अनुसार, अगर तूफान से फसल को नुकसान नहीं हुआ होता, तो कीमतें पिछले साल के समान रहतीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौसम के चलते किसानों और व्यापारियों को नुकसान की भरपाई के लिए कीमतों में यह बढ़ोतरी अनिवार्य हो गई।
उन्होंने बताया कि गोल्डन केसर (कच्छ-भुज) रु. 2800 प्रति मन (सबसे महंगा), राजापुरी रु.1000 प्रति मन, तलाडा केसर रु.1800 प्रति मन, धरमपुर केसर रु.1600 प्रति मन, रत्नागिरी हापुस रु.1800 – रु 2000 प्रति मन बेचा जा रहा है। जबकि वलसाडी हापुस रु.1600 – रु.1700 प्रति मन, लगड़ा रु.1600 प्रति मन एवं दशहरी रु.1600 – रु1700 प्रति मन बेचा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी बेमौसम बारिश हुई थी, लेकिन तब उत्पादन अच्छा रहा, जिससे आम की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी। इस बार विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है। बारिश और तूफान से नुकसान, जिसके कारण आम सिर्फ स्वाद में नहीं, कीमत में भी खास हो गया है। उपभोक्ताओं को इस वर्ष आम का स्वाद महंगे दाम में चखना पड़ रहा है, जबकि व्यापारियों और किसानों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण आर्थिक संतुलन का दौर बन गया है।