सूरत : ब्लैकआउट रहा सफल नागरिकों ने लाइटें बुझाकर दिया एकजुटता का संदेश, मॉक ड्रिल शांतिपूर्ण संपन्न
सड़कों पर सन्नाटा, ट्रैफिक सिग्नल बंद; मॉक ड्रिल के जरिए नागरिकों ने सीखी आपात स्थितियों में सजगता
सूरत। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़े तनाव के बीच, सूरत शहर में आज (7 मई) नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
इस मॉक ड्रिल के तहत शाम 7:30 बजे से 8:00 बजे तक आधे घंटे के लिए ब्लैकआउट किया गया, जिसे शहर के लोगों ने पूर्ण समर्थन दिया। शाम 7:30 बजते ही सूरत शहर की अधिकांश आवासीय और व्यावसायिक इमारतों की बत्तियां बुझ गईं।
लोगों ने सरकार के आह्वान का सम्मान करते हुए अपने घरों और प्रतिष्ठानों की लाइटें बंद कर दीं, जिससे पूरे शहर में एक शांत और अंधेरापूर्ण माहौल छा गया। ब्लैकआउट के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या भी काफी कम हो गई, और सुरक्षा के मद्देनजर सभी ट्रैफिक सिग्नल बंद कर दिए गए।
हालांकि शुरुआती रिपोर्टों में यातायात जारी रहने की बात कही गई थी, लेकिन शाम होते-होते लोगों ने ब्लैकआउट के महत्व को समझते हुए सड़कों पर अनावश्यक आवाजाही भी कम कर दी। शहर के नागरिकों ने इस प्रतीकात्मक कदम के जरिए राष्ट्र के प्रति अपनी एकजुटता और सुरक्षा बलों के साथ खड़े रहने का संदेश दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश के तहत सूरत शहर-जिले में पांच स्थानों पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की गई। मॉक ड्रिल सायं 4:00 बजे से 8:00 बजे तक आयोजित की गई।
सायं 4 बजे सायरन बजा। संभावित युद्ध की स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित और सतर्क रखने के लिए 'ऑपरेशन स्टडी' नामक एक सामूहिक अभ्यास आयोजित किया गया था। देश के कुल 244 शहरों और राज्य के 19 शहरों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य अपरिहार्य युद्ध, आपातकाल या आपदा की स्थिति में नागरिकों को बचाव के लिए प्रशिक्षण और शिक्षा देना था।
किसी भी आपदा के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सिस्टम और नागरिक दोनों तैयार रहें, यह सुनिश्चित करने के मुख्य उद्देश्य के साथ, पिपलोद के आईबीसी बिल्डिंग,, सचिन जीआईडीसी के कलरटेक्स इंडस्ट्रीज, पलसाना के स्पेक्ट्रम डाइस एंड केमिकल लिमिटेड, चोर्यासी तालुका में स्थित एनटीपीसी कवास पावर प्लांट, काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन और बारडोली शुगर फैक्ट्री-बाबेन में 'ऑपरेशन स्टडी' मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी के मार्गदर्शन में 'ऑपरेशन अभ्यास' के सभी छह स्थानों पर 108 एम्बुलेंस, पीसीआर वैन, अग्निशमन कर्मचारी और सुरक्षा बल तैनात किए गए और तत्काल बचाव और राहत कार्य शुरू किए गए। हवाई हमले का संकेत देते हुए सायरन बजाया गया तथा लोगों और कंपनी के कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए सचेत किया गया। मॉक ड्रिल में घायलों को नागरिक सुरक्षा और स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा स्ट्रेचर पर उपचार के लिए निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में ले जाया गया।
कुल मिलाकर, सूरत में आयोजित ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल शांतिपूर्ण और सफल रही। शहर के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर और ब्लैकआउट का समर्थन करके राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी जागरूकता और जिम्मेदारी का परिचय दिया। यह घटना पहलगाम हमले के बाद देश में व्याप्त आक्रोश और एकजुटता की भावना को भी दर्शाती है।