सूरत में रंगों से सजी छतरी पेंटिंग कार्यशाला: रचनात्मकता और तनाव मुक्ति का अनोखा संगम

चैंबर की कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प समिति द्वारा आयोजन, हर उम्र और वर्ग की महिलाओं ने भरी जीवन में रंगों की छटा

सूरत में रंगों से सजी छतरी पेंटिंग कार्यशाला: रचनात्मकता और तनाव मुक्ति का अनोखा संगम

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प समिति द्वारा बुधवार, 2 जुलाई, 2025 को नानपुरा स्थित समृद्धि में एक अनोखी छतरी पेंटिंग कार्यशाला आयोजित की गई। इस रंग-बिरंगे आयोजन में उद्यमी, डॉक्टर, गर्भवती महिलाएं, गृहणियां और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी कल्पना की छटा छातों पर बिखेरी।

कार्यशाला में मार्गदर्शक के रूप में प्रसिद्ध कलाकार श्रीमती अवनीबेन देसाई ने पेंटिंग तकनीक, रंग चयन और डिज़ाइनिंग की बारीकियों को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। इस दौरान 3 घंटे तक सभी ने मोबाइल और कंप्यूटर से दूरी बनाकर न सिर्फ मानसिक सुकून पाया, बल्कि तनाव से मुक्ति और आंतरिक रचनात्मकता की अनुभूति भी की।

समिति अध्यक्ष श्रीमती स्वातिबेन सेठवाला ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य केवल कला का अभ्यास नहीं था, बल्कि जीवन में रंग भरने की इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों को मानसिक शांति देना और उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति को मंच देना भी था। उन्होंने बताया कि आज के समय में रचनात्मकता को केवल शौक तक सीमित रखने के बजाय उसे रोजगार और उद्योग से जोड़ना समय की मांग बन गई है।

चैंबर मानद मंत्री बिजल जरीवाला ने उद्घाटन भाषण में ऐसे आयोजनों के सामाजिक और मानसिक महत्व को रेखांकित किया। कार्यशाला का संचालन सह-अध्यक्ष सुश्री निमिषा पारेख ने किया, जबकि सुश्री वनिता रावत ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की समन्वयक सुश्री मानसी विरानी ने फैकल्टी का परिचय कराया।

इस अवसर पर चैंबर के समूह अध्यक्ष सीए मयंक देसाई, महिला विंग की अध्यक्ष एवं सलाहकार श्रीमती मयूरीबेन मेवावाला, तथा कई महिला उद्यमी भी उपस्थित रहीं। उन्होंने कार्यशाला में बनी छतरियों की सराहना की और इसे सूरत की रचनात्मक संस्कृति का प्रतीक बताया।

यह कार्यशाला न केवल एक कला आयोजन रही, बल्कि तनावमुक्त जीवन, आत्म-अभिव्यक्ति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल भी साबित हुई।

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