सूरत : प्राणायाम कोशिकाओं को नई ऊर्जा प्रदान करता है और यह एक स्वस्थ जीवन शैली का अभिन्न अंग : कानजीभाई भालाला
वराछा बैंक ऑडिटोरियम में सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा 111वें 'थर्स- डे थॉट्स' कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने एकीकृत स्वास्थ्य सेवा, प्राणायाम और नागरिक कर्तव्यों पर रखे विचार
श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज, सूरत द्वारा आयोजित 111वें 'थर्स- डे थॉट्स' कार्यक्रम में स्वास्थ्य, मन, शरीर और नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर वराछा बैंक ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को स्वस्थ, संतुलित और प्रगतिशील जीवन के लिए दिशा देना था।
कार्यक्रम में कानजीभाई भालाला ने कहा कि " समय एवं जीवन को बचाकर नहीं रख सकते, जीवन जीना ही पड़ता है और अधिक कार्य करने के लिए शरीर और मन दोनों का स्वस्थ होना अनिवार्य है।" उन्होंने समझाया कि तनाव और गलत जीवनशैली के कारण बीमारियाँ बढ़ रही हैं, और इसी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसलिए संकल्प उपचार जरुरी है। शरीर प्राकृतिक है, उस पर प्राकृतिक नियम लागू पड़ते हैं। रोग हो उसके लिए या रोग होने के बाद उपचार के लिए शरीर में आहार महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण मन में आने वाले विचार का है। जो दवा के साथ मरीज की मानसिकता पर भी असर करता है। इसलिए शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहने पर ही संपूर्ण निरोगी जीवन देता है। अच्छे जीवन के लिए तथा जीवन अधिकतम काम के लिए तन एवं मन दोनों का स्वस्थ होना जरुरी है। प्राणायाम के महत्व पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, "प्राणायाम कोशिकाओं को नई ऊर्जा प्रदान करता है और यह एक स्वस्थ जीवन शैली का अभिन्न अंग है।"
कल्याण इंटीग्रेटेड केयर एंड रिसर्च सेंटर, भुज से आए डॉ. राहुल प्रजापति ने कहा, “एक डॉक्टर का पहला कर्तव्य मरीज को सही उपचार दिलाने में मदद करना है।” उन्होंने बताया कि जब किसी रोगी का इलाज एक से अधिक चिकित्सा पद्धतियों—जैसे एलोपैथी, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी आदि—से किया जाए तो उसे एकीकृत स्वास्थ्य सेवा (Integrated Health Care) कहा जाता है। उन्होंने नागरिकों को यह भी याद दिलाया कि “स्वस्थ जीवन के लिए सबसे पहली ज़िम्मेदारी खुद की है। व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और योग-प्राणायाम इसका आधार हैं।”
कार्यक्रम की शुरुआत 6वीं गुजरात गर्ल्स बटालियन एनसीसी की प्रशासनिक अधिकारी मेजर अरुंधति शाह की उपस्थिति में राष्ट्रगान से हुई। मेजर शाह ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए युवाओं को शिक्षा और अनुशासन का महत्व बताया। उन्होंने कहा, "युद्ध जैसी परिस्थितियों में सरकार और सेना के प्रति विश्वास बनाए रखना और अफवाहों से दूर रहना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।" उन्होंने यह भी बताया कि सैनिक प्रशिक्षण के दौरान योग और प्राणायाम को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस अवसर पर डॉ. किंजल प्रजापति, चिरायु शाह, और आर्यन बाबरिया विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन हार्दिक चांचड़ और अंकित सुरानी ने किया।
