राजकोट गेम जोन अग्निकांड के 4 आरोपित अधिकारियों का 12 दिन का पुलिस रिमांड मंजूर

राजकोट महानगर पालिका के अधिकारियों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

राजकोट गेम जोन अग्निकांड के 4 आरोपित अधिकारियों का 12 दिन का पुलिस रिमांड मंजूर

राजकोट, 31 मई (हि.स.)। राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड में गिरफ्तार किए गए राजकोट महानगर पालिका (मनपा) के 4 अधिकारियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस की ओर से 14 दिन का रिमांड मांगा गया, कोर्ट ने 12 दिन का पुलिस रिमांड मंजूर किया है। अग्निकांड में 27 लोगों की मौत हुई थी। मामले में टीआरपी गेम जोन के 5 और राजकोट मनपा के 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड में राजकोट क्राइम ब्रांच ने 30 मई को राजकोट मनपा के 4 अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था। इनमें तत्कालीन टाउन प्लानर ऑफिसर (टीपीओ) मनसुख सागठिया, असिस्टेंट टाउन प्लानर ऑफिसर (एटीपीओ) मुकेश मकवाणा, एटीपीओ गौतम जोशी और फायर स्टेशन के ऑफिसर रोहित विगोरा हैं।

विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पीपी) तुषार गोकाणी ने बताया कि कोर्ट में जज के समक्ष जो भी दलील पेश की गई, वह कोर्ट को उचित लगा और 12 दिन का पुलिस रिमांड मंजूर किया गया है। इन लोगों के विरुद्ध इलिगल ओमिशन का केस बनता है यानि मूल शिकायत जिसमें 6 आरोपित हैं, उसमें इनके भी नाम जोड़े जाएंगे। प्राथमिकी में जो धाराएं जोड़ी गई हैं, इसमें आईपीसी की धारा 36 भी जोड़ा जाएगा। 4 सितम्बर, 2023 को वेल्डिंग के कारण आग लगी थी। इसके बाद राजकोट मनपा का एक फायर ऑफिसर स्थल पर पहुंचा था लेकिन उसने फायर एनओसी की मांग नहीं की।

गोकाणी ने दलील दी कि टीआरपी गेम जोन में अवैध स्ट्रक्चर है, जिसे हटाने के लिए 6 जून, 2023 को नोटिस दिया गया था। इसके बाद भी गेम जोन चालू था। इतना ही नहीं, इसमें नया निर्माण भी किया जा रहा था। गोकाणी ने कहा कि इस केस में आरोपितों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 36 को जोड़ा गया है। आरोपित सागठिया, जोशी और मकवाणा टाउन प्लानिंग विभाग और विगोरा फायर विभाग में है। आग लगना दुर्घटना है, इसी तरह पूर्व में भी इसी जगह वेल्डिंग के दौरान आग लग चुकी है। 4 सितम्बर, 2023 को जब आग लगी थी, उस दौरान भागीदार युवराज मौजूद था।

दलील के दौरान आरोपित गौतम जोशी की ओर से कहा गया कि उसने किसी जगह हस्ताक्षर नहीं किए हैं। एटीपी के नीचे एई आता है, एई की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गौतम जोशी के विरुद्ध पूर्व में एक बार भी जांच नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जोशी का हस्ताक्षर नहीं है लेकिन इनका रोल तो है ही। आरोपितों की ओर से दलील में कहा गया कि जो भी डाक्यूमेंट रिकॉर्ड में है, वह हम लोगों की ओर से जांच अधिकारी को दिया गया है। इसलिए रिमांड की कोई जरूरत नहीं है। प्रशासन की लापरवाही का आरोप लग रहा है। मूल तक पहुंचने की बात थी, मूल आ गया है। सभी साक्ष्य हमने दे दिए हैं। इसके बाद भी यदि जरूरत है तो एक या दो दिन का रिमांड दिया जाना चाहिए। 14 दिनों की रिमांड की जरूरत नहीं है। रोहित विगोर स्थाई कर्मचारी है, जिन्होंने अपने अधिकारियों के कथनानुसार ही काम किए हैं। मुकेश मकवाणा की 10 महीना पहले बदली हुई है। टीआरपी गेम जोन के मुख्य भागीदार युवराज को निर्माण तोड़ने का नोटिस मुकेश मकवाणा ने दिया था।

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