राजकोट :  नशा मुक्त युवा, परिवार और संगति से संभव : पुलिस कमिश्नर ब्रजेश झा

राजकोट में नार्को समन्वय केंद्र की बैठक में नशीली दवाओं पर कड़ा रुख, एक महीने में 13 गिरफ्तारियां

राजकोट :  नशा मुक्त युवा, परिवार और संगति से संभव : पुलिस कमिश्नर ब्रजेश झा

 युवाओं को नशे की गिरफ़्त से बचाने के लिए परिवार की जागरूकता, अच्छी संगति और संस्थागत मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है, यह संदेश राजकोट के पुलिस कमिश्नर ब्रजेश कुमार झा ने नार्को समन्वय केंद्र की बैठक में दिया। उन्होंने कहा कि नशा एक "चेन रिएक्शन" की तरह है, जो एक छात्र को न केवल शिकार बनाता है, बल्कि उसे नशा विक्रेता भी बना सकता है।

बैठक में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों की समय पर काउंसलिंग और कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाना बेहद ज़रूरी है। इसके साथ ही उन्होंने सभी विभागों पुलिस, खाद्य एवं औषधि, कृषि, वन, और शिक्षा संस्थानों से समन्वित प्रयास की अपील की।

राजकोट पुलिस द्वारा पिछले एक माह में नशा बिक्री से जुड़े 13 मामलों में NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। इसके अलावा कोप्टा अधिनियम के तहत रु.89,900 नकद ज़ब्त किए गए। डीसीपी पार्थराजसिंह गोहिल ने बताया कि शहर के 488 मेडिकल स्टोरों की जांच की गई, जिनमें से एक स्टोर पर नशीली दवाओं को लेकर कार्रवाई की गई।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त महेंद्र बगड़िया ने विश्वविद्यालयों में अनुशासन समिति की भूमिका, छात्रावासों के दिशानिर्देश और विदेशी छात्रों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं पर भी मार्गदर्शन दिया।

बैठक में डीसीपी जगदीश बंगरवा, सहायक कलेक्टर महक जैन, एसओजी, सामाजिक सुरक्षा विभाग, फॉरेंसिक, खाद्य व औषधि विभाग, पुनर्वास, कृषि व वन विभाग सहित राजकोट के विभिन्न विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का प्रमुख उद्देश्य सभी संबंधित विभागों के बीच तालमेल बढ़ाकर युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रभावी रणनीति बनाना था।

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