राजकोट में ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश, एक ही बैंक खाते में जमा हुए 7.50 करोड़ रुपए
वडोदरा के बैंक खाते का किया गया दुरुपयोग, पश्चिम बंगाल के दो आरोपी अहमदाबाद से गिरफ्तार
शेयर बाजार में निवेश के नाम पर फर्जी ऐप के जरिए लोगों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए राजकोट साइबर क्राइम पुलिस ने पश्चिम बंगाल के दो आरोपियों को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है। यह ठगी 45 लोगों से कुल 7.50 करोड़ रुपये की बताई जा रही है, जो एक ही बैंक खाते में जमा हुए थे।
इस मामले की जांच साइबर क्राइम पीआई एम.ए. झनकात और एएसआई विवेकभाई कुछड़िया द्वारा की गई, जिसमें सामने आया कि सोवान सुनील दे (उम्र 42) और सोमनाथ लक्ष्मण मन्ना (उम्र 33) – दोनों पश्चिम बंगाल निवासी ने वडोदरा निवासी इफ्तखार नामक व्यक्ति का बैंक खाता किराए पर ले रखा था। इफ्तखार ने ‘एसआर ट्रेडिंग’ नामक फर्जी फर्म बनाकर यह खाता खोला था।
आरोपियों ने इफ्तखार को पश्चिम बंगाल बुलाकर होटल में ठहराया और उसके बैंक खाते का उपयोग देशभर में फैले साइबर ठगी नेटवर्क की रकम को जमा करने में किया गया।
राजकोट के एक पीड़ित से 16.67 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई थी, जिसमें से 4 लाख रुपये इसी खाते में ट्रांसफर हुए। जांच में सामने आया कि यह खाता कुल 7.50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में उपयोग हुआ है, जो कि देशभर के लगभग 45 पीड़ितों से ठगी गई रकम है।
गिरफ्तार आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि वे इस बैंक खाते को धोखाधड़ी गिरोहों को किराए पर देते थे, जिसके बदले उन्हें एक प्रतिशत का कमीशन मिलता था। पुलिस के अनुसार इस मामले में एक और मुख्य आरोपी है जो अभी फरार है और पश्चिम बंगाल का ही निवासी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम टीम ने जांच तेज कर दी है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर लेने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यह मामला ऑनलाइन निवेश के नाम पर हो रही सुनियोजित साइबर ठगी का एक और प्रमाण है, जिसमें आम नागरिकों को झांसे में लेकर करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है। साइबर क्राइम पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान ऐप या संदिग्ध निवेश योजना में धन निवेश करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें।