राजकोट के राजेश बरैया का ‘सीड पोस्ट अभियान’, हजारों लोगों तक पहुंचा रहे दुर्लभ बीज
'वंदे वसुंधरा बीज बैंक' के जरिए अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों को नि:शुल्क भेजे गए हैं दुर्लभ पौधों के बीज
राजकोट के लोधिका तालुका में रहने वाले एक साधारण युवक राजेश बरैया ने असाधारण कार्य कर दिखाया है। उन्होंने वर्ष 2019 में ‘वंदे वसुंधरा बीज बैंक’ की स्थापना की और एक जनांदोलन की तरह ‘सीड पोस्ट अभियान’ की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य है दुर्लभ और लुप्तप्राय पौधों को बचाना और उन्हें समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना।
हाल ही में उपलेटा निवासी महेशभाई को जीवंती डोडी जैसे कुछ दुर्लभ पौधों के बीज की आवश्यकता थी। उन्होंने 'वंदे वसुंधरा बीज बैंक' से व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया और केवल दो दिन में बीज उनके घर पर कूरियर से पहुंचा दिए गए वो भी निःशुल्क, सिर्फ कूरियर शुल्क का भुगतान कर बीज प्राप्त किए।
राजेश बरैया, जो मेटोडा की एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं, अपने छोटे से किराए के फ्लैट में अपनी पत्नी धनीबेन, बेटी निधि (7 वर्ष) और बेटे देव (5 वर्ष) के साथ इस सेवा को समर्पित रूप से चला रहे हैं। यह परिवार ‘प्रकृति जतन महाअभियान’ के तहत अब तक गुजरात सहित जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल समेत देश के विभिन्न हिस्सों में 20,000 से अधिक लोगों को मुफ्त बीज भेज चुका है।
राजेश के बीज बैंक में इस समय लगभग 300 प्रकार के बीज संग्रहित हैं, जिनमें से 200 प्रकार के बीज निःशुल्क बांटे जाते हैं। इनमें सीताफल, अपराजिता, टिमरू, बांस, खेर, काली डोडी, कैलाशपति, कालो धतूरो, अर्लू, नोलवेल, वर्षा डोडी और विशेष रूप से जीवंती डोडी जैसे दुर्लभ बीज शामिल हैं। वे मानसून के चार महीनों में बीज वितरण पर विशेष जोर देते हैं। जून 2025 में मात्र 25 दिनों में ही उन्होंने 1,080 लोगों को बीज लिफाफे भेजे हैं, और इस मानसून में उनका लक्ष्य 4,000 लोगों तक बीज पहुंचाने का है।
राजेश ने अब तक गुजरात के करीब 550 स्कूलों और कॉलेजों को भी बीज नि:शुल्क भेजे हैं, वह भी बिना किसी कूरियर शुल्क के। उनका यह सेवा भाव प्रकृति प्रेम की मिसाल बन गया है। राजेश बरैया जैसे लोग न केवल पर्यावरण संरक्षण के सच्चे योद्धा हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हरियाली की सौगात भी दे रहे हैं। उनका यह अभियान समाज को प्रकृति से जुड़ने, हरियाली फैलाने और जैव विविधता को सहेजने की प्रेरणा देता है।