राजकोट : मानसून की समय से पहले दस्तक से सौराष्ट्र में राहत, 80 प्रतिशत बुवाई पूर्ण
सौराष्ट्र में अब तक 40 प्रतिशत वर्षा, जलाशयों में 58 प्रतिशत जलभराव; 11 जिलों में तेजी से हुई कृषि बुवाई
इस वर्ष मानसून ने पूरे देश में 9 दिन पूर्व प्रवेश कर लिया, जिससे विशेष रूप से सौराष्ट्र क्षेत्र में व्यापक राहत देखने को मिली है। मानसून के 17 जून को सौराष्ट्र पहुंचने के बाद से अब तक क्षेत्र में 40 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है। राज्य भर में यह आंकड़ा 39 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
सौराष्ट्र क्षेत्र के 141 जलाशयों में 58 प्रतिशत या कुल 52,622 एमसीएफटी जल संग्रह हो चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 30,000 एमसीएफटी अधिक है। अब तक 12 जलाशयों में जल स्तर ओवरफ्लो की स्थिति तक पहुंच गया है।
जलवायु अनुकूल होने के कारण इस वर्ष बुवाई भी समय से पहले प्रारंभ हो गई थी। परिणामस्वरूप, सौराष्ट्र के 11 जिलों में जून के अंत तक खरीफ की लगभग 80 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है। कुल 30 लाख हेक्टेयर भूमि में बीज बोए जा चुके हैं, और अब केवल 20 प्रतिशत बुवाई शेष है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून की तीव्रता के पीछे तीन मुख्य कारण हैं – सौराष्ट्र-कच्छ और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र, मानसून द्रोणिका की उपयुक्त स्थिति तथा पूर्व-पश्चिम शियर लाइन का प्रभाव। साथ ही अल-नीनो की तटस्थ स्थिति और हिंद महासागर द्विध्रुवीयता का मौजूदा संतुलन भी वर्षा को सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
आगामी चार दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर सौराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे जल संचयन और खेती दोनों को और अधिक बल मिलने की उम्मीद है।