वडोदरा की सांस्कृतिक विरासत और औद्योगिक सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए हुआ एमओयू

जीएसएफसी यूनिवर्सिटी और गति शक्ति विश्वविद्यालय ने मिलाया हाथ

वडोदरा की सांस्कृतिक विरासत और औद्योगिक सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए हुआ एमओयू

वडोदरा, 24 मई (हि.स.)। केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त गति शक्ति विश्वविद्यालय और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (जीएसएफसी) यूनिवर्सिटी के बीच एक समझौता हुआ है। यह मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) वडोदरा शहर के विकास के साथ वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, कला, तकनीकी और औद्योगिक सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया है।

वडोदरा के सर्वांगीण विकास के लिए एमओयू पर जीएसएफसी यूनिवर्सिटी और केन्द्रीय गति शक्ति यूनवर्सिटी के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए। दोनों संस्थाओं के सहयोग से शैक्षणिक संस्थाओं, उद्योग, व्यापार संगठनों और सरकार से समन्वय कर कलस्टर बनाया जायेगा। इससे समग्र वडोदरा शहर में संस्थाओं, ज्ञान और नवीनता के विकास और सुविधाओं के लिए विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। शहर की स्थानीय विरासतों, परंपराओं, संस्कृति और वैज्ञानिक स्वभाव को स्थाई रखने, संरक्षण करने और विकसित करने के लिए नवीनतम तकनीक और डिजिटलाइजेशन का समावेश संबंधी परिसंवाद किए जाएंगे।

इसके अलावा परस्पर हितों, शोध और शिक्षा संबंधी मुद्दाओं, विचारशील नेतृत्व के लिए कार्यशाला भी होगी। साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स और प्रोयोजित शोधों के अवसर के लिए संयुक्त रूप से अंडर ग्रेज्युएट, एमफिल और पीएचडी स्तर पर ड्यूअल डिग्री प्रोग्राम की रचना की जाएगी।

जीएसएफसी यूनिवर्सिटी की स्थापना गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड ने जीएसएफसी एजुकेशन सोसायटी की ओर से की गई थी। यूनिवर्सिटी की शुरुआत 2015 में 2 प्रोग्राम और 141 विद्यार्थियों से की गई थी, लेकिन आज यहां 27 प्रोग्राम और 2152 विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। इसी तरह गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2022 में की गई थी। इस अवसर पर गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज चौधरी और जीएसएफसी यूनिवर्सिटी के जी आर सिंहा समेत संस्था के प्रोफेसर मौजूद रहे।

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