वड़ोदरा ट्रेन मामला : मामले में हुआ नया खुलासा, वलसाड तक जिंदा ही थी लड़की

वड़ोदरा ट्रेन मामला : मामले में हुआ नया खुलासा, वलसाड तक जिंदा ही थी लड़की

लगभग महीने बीत चुके पर अब तक मामला अनसुलझा, आये दिन हो रहे है नए खुलासे

वलसाड में गुजरात क्वीन ट्रेन में मिली युवती के शव का मामला और भी पेचीदा होता जा रहा है। घटना को हुए लगभग महीने हो चुके है लेकिन अब तक लड़की की मौत का रहस्य अनसुलझा है। इस मामले में रोज नए नए खुलासे हो रहे है। अब इस मामले ने यह भी पता चला है कि लड़की वलसाड स्टेशन तक जीवित थी। इतना ही नहीं लड़की ने ट्रेन से किसी को एक संदेश भेजा था कि उसका अपहरण कर लिया गया है और उसके साथ ही उसे मार दिया जाएगा। इसके बाद लड़की वलसाड क्वीन ट्रेन से वलसाड में जिंदा आई थी। करीब डेढ़ बजे तक वलसाड स्टेशन पर ट्रेन में लड़की जिंदा थी। यह खुलासा युवती को देखने वाले युवक ने किया है। इतना ही नहीं इसी दौरान ट्रेन की सफाई कर रहे युवक ने जानकारी दी है कि वो लड़की ट्रेन में सीट पर बाल खुले रखकर रो रही थी। उस युवक ने उस पर चिल्लाकर उसे ट्रेन से उतरने को कहा था। बाद में युवक वहां से चला गया। आधे घंटे बाद बच्ची फंदे से लटकी मिली। पता चला है कि ये पूरी कहानी महज आधे घंटे की थी।
आपको बता दें कि अब तक अनसुलझे मामले में नए खुलासे ने मामले को और पेचीदा बना दिया है। अब नया सवाल ये उठ रहा है कि क्या युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पुलिस अभी भी इसकी जांच कर रही है। अगर लड़की की हत्या ही करनी होती तो कोई भी वलसाड तक क्यों आता। इन सब के बीच एक सवाल ये भी है कि लड़की के जिंदा होने तक ट्रेन या स्टेशन पर कोई पुलिस गश्ती दल नहीं था। वडोदरा में दुष्कर्म और आत्महत्या के मामले में बच्ची का पीछा करने वाले संदिग्ध को लेकर पुलिस खामोश है। अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। और लड़की को सूरत रेलवे स्टेशन पर देखा गया। उस समय पीड़िता सूरत से गुजरात क्वीन में बैठी थी। साथ ही, पीड़िता के पीछे संदिग्ध कौन है?
गौरतलब है कि इस मामले में रेलवे एलसीबी को बड़ी कामयाबी मिली है। पीड़िता की साइकिल को खोज निकाला और सुरक्षा गार्ड महेश राठवा को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। पीड़िता की साइकिल शहर के पुनीतनगर के पास एक निजी क्वार्टर में मिली। सुरक्षा गार्ड महेश राठवा ने साइकिल को 10 साल तक बंद घर की झाड़ियों में छिपा रखा था। जबकि साइकिल के दोनों टायरों को भी हटा दिया गया है। फिलहाल इस मामले के आरोपी अभी भी पुलिस हिरासत से बाहर हैं। पुलिस ने अब ओएसिस संगठन के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं, जो पहले से ही संदेह के घेरे में है। ओएसिस वही संस्था है जिसमें युवती काम करती थी। पुलिस आयुक्त ने नागरिकों और मीडिया द्वारा ओएसिस संगठन के अतीत का हवाला देते हुए पूरे मामले की जांच एसीपी क्राइम को सौंप दी है। अब तक की जांच में तकनीकी निगरानी में 250 सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि हो चुकी है।