सूरतवासियों, 14 और 15 जनवरी को शहर के फ्लाइओवर ब्रिज पर मत जाना!

सूरतवासियों, 14 और 15 जनवरी को शहर के फ्लाइओवर ब्रिज पर मत जाना!

पतंग की डोर से नुकसान न हो इसके लिये 14 और 15 जनवरी के दिन सूरत शहर में लागू किया गया नियम

गुजरात भर में मकरसंक्रांति के अवसर पर पतंगोत्सव मनाने की परंपरा है। सूरत में लोग सुबह से अपने घरों की छतों पर चढ़ जाते हैं और खूब पतंगें उड़ाते हैं। दशकों से चली आ रही इस परंपरा ने आज के आधुनिक युग में कुछ ऐसे नकारात्मक मोड़ लिये हैं, जिससे कई बार आम लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ता है।
जी हां, पतंगबाजी के दौरान दूसरों की पतंगों को काटने की चाह में लोग ऐसे-ऐसे मांझे का प्रयोग करते हैं जिससे मानव और पक्षियों को शारीरिक हानि पहुंचती है। लोग चाईनिज डोर से लेकर नायलोन डोर आदि का उपयोग पतंगों को उड़ाने के लिये करते हैं। डोर को मजबूत बनाने उसमें कांच लगवाते हैं। इसी कारण कई बार सड़कों से गुजरने वाले लोगों और खास कर दुपहिया वाहन चालकों के गले कटके घायल होने और कई किस्सों में मौत होने तक ही खबर आती है। 
प्रशासन ने पहले ही ऐसे खतरनाक मांझों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब सड़कों पर गुजरने वाले राहगीरों और वाहन चालकों को पतंग की डोर से नुकसान न हो इसके लिये एक और नियम आगामी 14 और 15 जनवरी के दिन सूरत शहर में लागू किया गया है। 
सूरत के लोग इन दो दिनों में नगर के किसी भी फ्लाईओवर ब्रिज पर दुपहिया वाहन लेकर नहीं जा सकेंगे। अलबत्ता वे पुल के नीचे से अवश्य अपने गंतव्य की ओर जा सकते हैं। यदि वाहन चालक ने अपने वाहन पर सुरक्षा किट लगा रखी होगी तो वह पुल के ऊपर से गुजर सकते हैं। ऐसे में कहना होगा कि रिस्क नहीं लेना चाहिये और सूरत वासियों को 14 और 15 जनवरी को फ्लाय ओवर  ब्रिज पर नहीं जाना चाहिये। ऐसा करने पर ट्राफिक पुलिस दंडित भी कर सकती है।
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