सूरत : नगर निगम भ्रष्टाचार के 22 मामलों में सतर्कता आयोग को 18 तारीख से पहले रिपोर्ट देनी होगी

कार्रवाई का ब्योरा देने में 8 साल की देरी के बाद जागी नगर निगम ,जांच दिखाने के लिए सौंपी जाती है, कार्रवाई के लिए नहीं

स्ट्रीट लाइट, कचरा घोटाला, तक्षशिला आग जैसी भीषण घटनाओं के मामले में आयोग खफा
गुजरात सतर्कता आयोग ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर यह नोटिस किया है कि नगर पालिका में भ्रष्टाचार के 22 लंबित मामलों की ठीक से जांच नहीं हुई है। आयोग ने कहा कि 18 अगस्त को होने वाली समीक्षा बैठक में लंबित मामलों पर चर्चा करने से पहले कथित भ्रष्टाचार समेत लंबित मामलों के संबंध में संदर्भ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। कुछ सिरफिरे कर्मचारिओं के खिलाफ दिखावे के लिए शोक ोस जांच सौंपी गई थी, लेकिन कई मामलों में अभी भी ठोस कार्रवाई की कमी है, जिसके कारण उन बाबू को मलाइदार को पदों पर रहना पड़ा है।
आयोग गंभीरता से नोट करता है कि जांच अधूरी है
गांधीनगर से कई बार रिपोर्ट मांगी जा चुकी है क्योंकि केंद्रीय सतर्कता आयोग को भी अभ्यावेदन दिए जा चुके हैं। हालांकि नगर पालिका ने विभागीय जांच जारी होने की बात बताते हुए अधूरी जानकारी दी, आयोग ने 27 जुलाई को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में पूरी जानकारी मांगी। आयोग ने बहुचर्चित 22 मामलों में लंबे समय बाद भी जांच के अधूरेपन को गंभीरता से लिया है।
कुछ मामलों में  रिश्वत विरोधी शाखा में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी समय पर विवरण प्रदान नहीं किया जाता है। 4 साल बाद भी एसीबी को कोई सबूत नहीं मिला है, इसलिए उस मामले में चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई है। आयोग ने कचरा-ट्रैक्टर घोटाला, तक्षशिला आग जिसने 22 बच्चों को अपनी चपेट में लिया, स्ट्रीट लाइट टेंडरिंग घोटाला और दमकल अधिकारी भर्ती घोटाला समेत 22 मामलों में जांच की जानकारी भेजने का आग्रह किया है।
8 साल पहले की गई भ्रष्टाचार की शिकायत का विवरण भी लंबित
आयोग ने नगर विकास एवं नगरीय आवास विभाग के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करने से पूर्व कुल 22 प्रकरणों की सम्पूर्ण सूचना सूरत नगर पालिका को प्रस्तुत नहीं किये जाने पर खेद व्यक्त किया। इसके बावजूद नगर निगम जूझ रहा है। आयोग की ओर से पेश किए गए 22 मामलों में 2014 के भ्रष्टाचार की शिकायत के 2 और 2019 के 49 करोड़ कचरा ट्रैक्टर घोटाले के भी मामले लंबित हैं।
एसीबी में एफआईआर दर्ज, लेकिन 4 साल बाद भी चार्जशीट का इंतजार
वर्ष 2018 में नगर पालिका के स्ट्रीट लाइट अधिकारियों के खिलाफ 2 अपराध दर्ज किए गए थे। जिसमें सतर्कता आयोग ने अवैध कार्यवाही के संबंध में अनुपालन करने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि एसीबी में शिकायत के 4 साल बाद भी नगर पालिका ने चार्जशीट को सबूतों के साथ पेश करने की अनुमति नहीं दी है। जिससे पता चलता है कि एसीबी की कार्यवाही भी मुश्किल में पड़ गई है। आयोग ने इस संबंध में नगर पालिका से ब्योरा भी मांगा है।
सतर्कता आयोग ने भी सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया
केंद्रीय सतर्कता आयोग, जो सरकारी मामलों की निगरानी करता है, विवादास्पद मामलों की जानकारी एकत्र करता है। कई मामलों में याचिकाकर्ता भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए आयोग को लिखकर न्यायिक प्रक्रिया में शामिल होते हैं। इन शिकायतों में कितनी सच्चाई है, इसकी जांच के लिए विभागीय आंकड़े मांगे गए हैं। सतर्कता आयोग ने इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि सालों से पूरी जानकारी नहीं दी गई है।
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