सूरत : कोरोना से मृतकों की संख्या सरकारी आंकडो से तीन गुना बढ़ीः कदीर पीरझादा

सूरत : कोरोना से मृतकों की संख्या सरकारी आंकडो से तीन गुना बढ़ीः कदीर पीरझादा

राज्य सरकार ने कोरोना के दौरान मरने वालों की संख्या छुपाई है इस आरोप के साथ कांग्रेस ने कोविड-19 न्याय यात्रा शुरू की थी चार सप्ताह के सर्वे में राज्य सरकार ने दस हजार लोगों की कोरोना से मौत का आंकडा दिया था उससे तीन गुणा अधिक लोग मरे होने की जानकारी प्राप्त हुई।

कोरोना से मरनेवाले व्यक्ति के परिवार को चार लाख की आर्थिक सहायता देने की कांग्रेस की मांग  
राज्य सरकार ने कोरोना के दौरान मरने वालों की संख्या छुपाई है इस आरोप के साथ कांग्रेस ने कोविड-19 न्याय यात्रा शुरू की थी। इस संबंध में कांग्रेस की ओर से प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। पत्रकार परिषद में सूरत शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नैषध देसाई, सूरत शहर कांग्रेस के उपाध्यक्ष हरीश सूर्यवंशी, शहर कांग्रेस के प्रवक्ता किरण रायका, अनुप राजपुत उपस्थित रहे। जिसमें कांग्रेस नेता कदीर पीरजादा ने कहा कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट बदलने से सरकार की छवि नहीं सुधरेगी,चेहरा बदलने से लोगों की परेशानी दूर नहीं होगी। 
कोरोना महामारी में प्रदेश के नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस द्वारा 16 अगस्त 2021  को कोविड-19 न्याय यात्रा का आयोजन किया था। कांग्रेस ने कहा कि उसने केवल दो सप्ताह में 22,000 से अधिक परिवारों का दौरा किया और परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही मृतक परिवारों द्वारा 31850 से अधिक फॉर्म भरकर सरकार को यह मांग सौंपी गई है कि परिवारों ने अपने रिश्तेदारों को खो दिया है। 
साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुजरात में कोरोना मरीजों की 10081 मौत हुई है। उससे तीन गुना से अधिक मौत कोरोना से हुई होने की जानकारी मात्र चार सप्ताह में कांग्रेस पार्टी ने कोविड-19 न्याय यात्रा के माध्यम से जुटाई है। सरकार ने कोरोना से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए परिवार के सदस्यों को  4 लाख रुपये का मुआवजा, सभी कोरोनरी रोगियों के सभी चिकित्सा-अस्पताल खर्चों का भुगतान, सरकारी मशीनरी की घोर विफलता की न्यायिक जांच और मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के बच्चों या परिवारों के बीच स्थायी रोजगार की मांग की। 
कांग्रेस नेता कदीर पीरजादा ने कहा कि चेहरा बदलने से लोगों की पीड़ा कम नहीं होगी। मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्रियों तक सभी चेहरे बदल जाने के बाद भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री और कैबिनेट बदलने से सरकार की छवि नहीं सुधरने वाली है।  सरकार विपक्ष को उनके मूल अधिकार देने चाहिए। जिन मुद्दों का वह विरोध करना चाहते हैं, उन पर उन्हें रजुआत पेशकर करने देना चाहिए।
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