सूरत : असामाजिक तत्वों का आतंक, डिंडोली के आरडी नगर में रात के समय वाहनों में तोड़फोड़, एक को चाकू मारा

वाहनों में तोड़फोड़ की गई और तलवार से एक युवक घायल हो गया

घटना के करीब 10 घंटे बाद भी  पुलिस को घटना की जानकारी नहीं 
सूरत के नवागाम डिंडोली के आरडी नगर में आधी रात को असामाजिक तत्वों ने आतंकित कर कई वाहनों में तोड़फोड़ की और स्ट्रीट लाइट के बल्ब भी तोड़ दिए।  तोड़फोड़ की आवाज के बाद घर से बाहर झाँक कर बाहर देखने आए मजदूर को तलवार से जख्मी कर दी और र पुलिस को फोन करने पर जान से मारने की धमकी देकर भय का माहौल बनाया गया।  रात भर अपने ही घर में कांपते रहे लोग अहले सुबह दो गली छोड़कर रह रहे घायल के संबंधी के यहां ले गये जहां 108 बुलाकर उपचार के लिए नई सिविल अस्पताल ले जाया गया। 
पीड़ित ने कहा कि आरडी नगर में रहने आये दो महीने ही हुए है, लेकिन मौत को आंख के सामने देखा।  30 से अधिक असामाजिक तत्व थे। बस गली में घुसते ही  वाहनों में तोड़फोड़ करने लगे। इसके बाद सभी स्ट्रीट लाइट के बल्ब तोड़ दिए गए। हमलावरों ने उसकी पीठ में तलवार से वार कर दिया। पत्नी ने  हमलावर के बाल पकड़कर खींच लेने से जान बच गई।
उन्होंने आगे कहा कि जान बचाने के लिए घर में घुसे तो हमलावरों ने धमकी देते हुए कहा कि पुलिस को फोन करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। मेरी पत्नी और मेरा 2 साल का बच्चा ठंड से नहीं बल्कि दरवाजे पर खड़े हमलावरों से कांप रहे थे। रात भर डरे-सहमे स्थानीय लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे। सुबह होते ही घायल को दो गली छोड़कर संबंधी के घर ले गये जहां से 108 की मदद से  इलाज के लिए नई सिविल अस्पताल ले जाया गया। 
पीड़िता की पत्नी ने कहा कि उसे आए दो महीने हो गए थे और मेरा बच्चा पूरी रात रोता रहा। कुछ भी समझ नहीं आ रही थी। घंटों तक उसने अपने पति को मौत से लड़ते देखा लेकिन बेबस थी। फिलहाल उनका स्वास्थ्य सामान्य है। डॉक्टर कहते हैं कुछ नहीं होगा लेकिन दिमाग पर विश्वास होना चाहिए। रात में हमारी क्या स्थिति थी हम ही जानते हैं। कोई अदावट नहीं होने के बावजूद जानलेवा हमला , भगवान हर बार नहीं बचाएंगे, हमें कोई शिकायत नहीं करनी है।
पीआई एमएल सालुंके ने कहा, ''ऐसी कोई घटना मेरे संज्ञान में नहीं आई है। मैं जांच करूंगा.'' घटना के करीब 10 घंटे बाद भी पुलिस बेखबर होने का दावा कर रही है।  आरडी नगर में आधी रात को आतंक मचाने वालों से  लोगों में दहशत का माहौल बना दिया है। इतना ही नहीं, अफवाहें यह भी हैं कि आतंक का कारण लोगों में भय पैदा करना है।
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