सूरत : कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए तंत्र ने प्रजा से की 'सेवादान' की अपील

सूरत : कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए तंत्र ने प्रजा से की 'सेवादान' की अपील

बढ़ रहे मरीजों के सामने नहीं मिल रहा उपयुक्त स्टाफ, रेसिडेंट डॉक्टरों ने भी की है मांग

महाभयंकर कोरोना महामारी के कारण तंत्र की हालत खराब होते जा रही है। कई तरह के कड़े कदम उठाने के बाद भी कोरोना महामारी अटकने का नाम ही नहीं ले रही है। राज्य और शहर में हर जगह बेकाबू बने कोरोना के कारण अधिकतर अस्पतालों में वेंटिलेटर, ओक्सिजन और इंजेक्शन के बाद अब मरीजो की सेवा करने के लिए अब स्टाफ की कमी हो रही है। जिसके चलते सिविल प्रशासन एन लोगों से 'सेवादान' करने की अपील की है। 
शहर में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे है, ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाने के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा बार बार डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, डाटा ऑपरेटर एवं वर्ग-4 के कर्मचारियों की नियुक्ति करने की घोषणा की गई थी। हालांकि इसके बाद भी उम्मीदवार आगे नहीं आ रहे। इन सबके पीछे का कारण है कोरोना महामारी और साथ में कांट्रैक्ट बेस पर काम करने के दौरान मिलने वाली कम पगार। पिछले साल अस्पताल में काम करने वाले सर्वण्टो को आधे में ही छोड़ दिया गया था। इसके अलावा पिछले साल सभी काम बंद थे, जिसके कारण कई लोगों ने अस्पताल में अपनी सेवा दी थी। 
हालांकि इस बार सभी तरह के काम शुरू है और ऐसे में कोई भी मात्र 9 से 10 हजार की पगार के लिए कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। ऐसे में सिविल तंत्र के सर पर काफी बड़ी आफ़त आ चुकी है। अब तक तो सिविल तंत्र द्वारा मर्यादित स्टाफ में काम चलाया जा रहा था। पर हर रोज बढ़ रहे मरीजों की संख्या के कारण अब प्रशासन भी हिम्मत हारने लगा है। वहीं दूसरी तरफ रेसिडेंट डॉक्टरों ने भी स्टाफ नहीं बढ़ाने की स्थिति में हड़ताल पर जाने का अल्टिमेटम भी दे दिया है। जिसके चलते अंत में सिविल तंत्र ने लोगों को ही आगे आने की अपील की है।