सूरत : रिक्शाचालक की ऐसी ईमानदारी देख कर आपका दिल भी हो जाएगा खुश, विधवा महिला को ढाई लाख का बैग लौटाया

सूरत : रिक्शाचालक की ऐसी ईमानदारी देख कर आपका दिल भी हो जाएगा खुश, विधवा महिला को ढाई लाख का बैग लौटाया

हर दिन के 500-600 रुपए कमाने वाले रिक्शाचालक की ईमानदारी देखकर पुलिस ने भी की तारीफ

कहते है मनुष्य के लिए पैसा ही सबसे जरूरी होता है। पैसों को देखते ही किसी का भी मन डगमगा सकता है। हालांकि डिंडोली में एक हैरान कर देने वाला तथा आम आदमी की प्रामाणिकता को प्रदर्शित करने वाला मामल सामने आया है। दरअसल डिंडोली की एक विधवा महिला अपना ढाई लाख से भरा बाग एक रिक्शा में भूल गई थी। हालांकि महिला जिस रिक्शा अपना बैग छोड़ा था उसके चालक ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुये बैग को खटोदरा पुलिस स्टेशन में जमा करवा दिया था। ढाई लाख रुपए देखने के बाद भी उसका ईमान नहीं डगा था। हर दिन 500 या 600 रुपए कमाने वाले रिक्शा चालक की ईमानदारी देखकर पुलिस ने भी उसकी तारीफ की थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक डिंडोली इलाके की रहने वाली 66 वर्षीय मधुबेन भीखू पटेल दोपहर करीब एक बजे खटोदरा थाने आई और कहा कि वह एक रिक्शा में 2.40 लाख रुपये का बैग भूल गई है। जब मकान बन रहा था तो मृतक पति के वारिस के रूप में पेंशन जमा की जा रही थी। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा की भटार रोड शाखा से दो लाख रुपये और अन्य 40 हजार रुपये लेकर उधना दरवाजा उतार गई थी। महिला की शिकायत के आधार पर सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस ने रिक्शा का नंबर और ड्राइवर का नाम और पता मिला और आजादनगर के इंदिरानगर निवासी अशोक सुदाम खरात के घर पहुंची।
पड़ोसियों ने कहा कि रिक्शा चालक को रिक्शा में रुपयों से भरा बैग मिला था और वह उसे वापस करने के लिए खटोदरा थाने गया था। विधवा ने पुलिस की मौजूदगी में अपना खोया कैश मधुबन को सौंप दिया। रिक्शा चालक ने कहा "मैंने इतना पैसा कभी नहीं देखा। मैं कड़ी मेहनत करके रोजाना 500 से 600 रुपये कमाता हूं। मुझे गलत पैसे की जरूरत नहीं है। पुलिस ने रिक्शा चालक की ईमानदारी की तारीफ की।"

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