सूरत : सचिन जीआईडीसी गैस कांड, फैक्ट्री प्रबंधकों ने अधिकारियों पर लगाया गलत तरीके से सैंपल लेने का आरोप

सूरत : सचिन जीआईडीसी गैस कांड, फैक्ट्री प्रबंधकों ने अधिकारियों पर लगाया गलत तरीके से सैंपल लेने का आरोप

जीपीसीबी ने कहा हमारे पास जहरीले रसायनों के डंप होने के सबूत हैं

सूरत के सचिन जीआईडीसी में जहरीले केमिकल डंप करने से छह मासूम मजदूरों की मौत के बाद गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पुलिस हरकत में आ गई है। जीआईडीसी कारखाने प्रबंधक तक जांच पहुंचने से हड़कंप मच गया है। जीआईडीसी के तमाम ऐसे फैक्ट्री संचालक है जो गलत तरीके से जहरीले रसायनों को खाड़ियों में डालते हैं। लेकिन अब वे अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। जीआईडीसी के कारखाना संचालक अक्सर अपने आउटलेट का उपयोग जहरीले रसायनों की तस्करी के लिए अवैध रूप से करते हैं। हाल ही में सचिन जीआईडीसी में जो केमिकल डंप किए गए थे।  जिसमें अन्य कई कंपनियों द्वारा भी छोड़े गये केमिकल खाड़ी तक पहुंचने के बाद यह हादसा होने का खुलासा हुआ है। जिससे पुलिस द्वारा धरपकड़ कर लिया तो अब जीआईडीसी के मिल मालिक अधिकारियों के कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।
जीआईडीसी के कारखाना प्रबंधकों द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने अफसोस जताया कि गुजरात प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने गलत तरीके से नमूने लिए थे। सहजानंद यार्न फैक्ट्री का अम्लीय पानी सीधे ईटीपी में जाता है और फिर शुद्धिकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। इतने सारे इंतजामों के बावजूद उन्हें झूठा दोषी ठहराया जा रहा है। अधिकारी खुद जांच कर लें और कंपनी के सभी केमिकल युक्त जल निपटान प्रणालियों को सीसीटीवी कैमरों से देखें तो सच्चाई सामने आ पचा चल जाएगा। 
सचिन जीआईडीसी द्वारा  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का बार-बार उल्लंघन करने का मामला बाहर आ चुके हैं। जहरीले रसायनों को डंप करने के मामले में छह निर्दोष श्रमिकों की मौत के बाद अब कुछ लोगों को पूरी घटना में दोषी पाया जा रहा है। तभी कंपनी के अधिकारी अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। सचिन जीआईडीसी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विभिन्न नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए सुर्खियों में रहे हैं। लेकिन जैसे-जैसे जांच की आंच उन तक पहुंचती है और वे भी पूरी घटना में फिर से दोषी पाए जा रहे हैं, वह अधिकारियों पर अपनी बेगुनाही साबित करने का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसी चर्चा शहर में शुरू हो गई है।  उधर, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पूरे रिपोर्ट मामले पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त कर रहे हैं।
गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय प्रभारी अधिकारी जिज्ञाशा ओझा ने स्पष्ट किया, "हमने अपनी टीम द्वारा बहुत ही ईमानदार और निष्पक्ष जांच के बाद ही पुलिस को रिपोर्ट सौंपी है।" हमारे पास सारे सबूत हैं। तस्वीर से पता चलता है कि कंपनी गलत तरीके से रासायनिक युक्त पानी को एक आउटलेट में डंप कर रही थी। इसमें किसी भी प्रकार की हम पूर्वग्रह युक्त काम नहीं किया है। जो दोषी और जो सही है वही रिपोर्ट हमने जमा की है। फैक्ट्री प्रबंधकों का कहना है कि सैंपल गलत लिए गए हैं। तो यह निराधार है। हमारे पास सभी सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कंपनी के प्रबंधकों द्वारा एक गंभीर भूल की गई थी।
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