सूरत : आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए पालिका की नई नीति, जानें

सूरत : आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए पालिका की नई नीति, जानें

मवेशियों में लगेगी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस

रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस से जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी
सूरत शहर के विभिन्न हिस्सों में आवारा पशुओं का उत्पीड़न बहुत आम है। इससे सड़कों पर बार-बार जाम लग रहा है और दुर्घटनाएं हो रही हैं, साथ ही पालिका के पशु दल द्वारा मवेशियों को लेने जाते समय चरवाहों के साथ मारपीट की भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। पशुपालकों को इस मामले से अवगत करा दिया गया है। इन मवेशियों को अब रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस से लैस किया जाएगा।
पालिका द्वारा पशुओं के कानों में प्लास्टिक के टैग लगाए गए। जिससे पशुओं की शिनाख्त हो सके। लेकिन पशुपालकों  द्वारा अपने मवेशियों की पहचान से बचने और दंड से बचने के लिए, प्लास्टिक के उपकरणों को हटा दिया गया था। लेकिन अब एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस को जानवर के शरीर में फिट कर दिया जाएगा। जिससे पशुपालकों को निकालना मुश्किल होगा। यह डिवाइस पशु और उसकी हरकत पर नजर रखने में सक्षम होगी।
पहली बार जब कोई जानवर किसी निगम द्वारा अपने मवेशियों को आवारा छोड़कर पकड़ा जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। वही मवेशी दूसरी बार पकड़े जाने पर एक और बड़ा जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन पहली बार जानवर पकड़ा गया या दूसरी बार उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया, अब इस उपकरण को स्थापित करने से मवेशियों के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।
पालिका के बाजार अधीक्षक प्रभारी डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि सूरत शहर में कुल 2800 पशुपालकों का पंजीयन किया गया है। जिसमें 2900 मवेशियों का पंजीकरण किया गया है। जानवर को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस से लैस किया जाएगा। ताकि आवारा पशुओं के बारे में सभी जानकारी प्राप्त की जा सके और आसानी से पहचाना जा सके। यदि मवेशी बार-बार घूमते हुए देखे जाते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। जिसकी सभी प्रकार की जिम्मेदारियां पशुपालक की होंगी।
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