सूरत : ओलपाड के सायण में डायरिया, उल्टी व बुखार के केस बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ

सूरत : ओलपाड के सायण में डायरिया, उल्टी व बुखार के केस बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ

ओलपाड के सायण में डायरिया, उल्टी और बुखार के केस बढने से निजि और सरकारी अस्पताल में सौ से भी अधिक लोगों को भर्ती किया गया, प्रशासन की प्रिमोन्सून कार्य की लापरवाही और स्वास्थ विभाग की सूस्ती के कारण फैली बिमारी।

दर्शन नायक जिला विकास अधिकारी से महामारी को फैलने से रोकने के लिए उचित कार्यवाही की मांग की 
सायण ग्राम पंचायत मानसून की शुरुआत के साथ ही निचले इलाकों में बारिश के पानी के निस्तारण और पीने के पानी के शुद्धिकरण के साथ ही मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित नहीं कर पाई जिसके कारण पिछले साल की तरह इस वर्ष भी डायरिया, उल्टी, बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। जिला पंचायत के पूर्व सदस्य दर्शन नायक को इस बिमारी के बारे में जानकारी मिले पर उन्होने असरग्रस्त क्षेत्र की मुलाकात लेने के साथ अस्पताल में जाकर बिमारों से मिले। एक साथ अधिक लोगों बिमार होने और अस्तपाल में भर्ती होने लगे तो महामारी पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब परिस्थिति बेकाबू होने के बाद घर घर जाकर दवा बांटने के साथ ही पाउडर का छिड़काव भी कर रहा है। 
जिला पंचायत के पूर्व सदस्य दर्शन नायक ने जानकारी देते हुए कहा कि ओलपाड के सायण गांव में डायरीया, उल्टी और बुखार के मामले बढ़ने पर तत्काल जिला विकास अधिकारि और स्वास्थ विभाग को सूचित करके योग्य कार्यवाही की मांग की गयी। सायण गांव के सरकारी अस्पताल में जाकर बिमार लोगों से मुलाकात की और प्रशासन को योग्य कार्यवाही करने की मांग की। जो मरीज निजि अस्पताल में चिकित्सा ले रहे उनके अस्पताल और दवाईयों का बिल जिला पंचायत भुगतान करे ऐसी मांग भी दर्शन नायक ने की है। 
सायन और जीवन रक्षा अस्पताल में सौ से भी अधिक मरीज भर्ती
सायण के आदर्शनगर 1,2,3 और रसूलाबाद तथा ठाकोर नगर सहित निचले इलाकों में मानसून के दौरान बाढ़ बरसात के पानी से भारी जलजमाव होता है। सायण ग्राम पंचायत द्वारा ठीक से निस्तारण नहीं किए जाने के अलावा बरसात के दिनों में गटर लाईन ओवरफ्लो होने से गंदगी में मच्छरों के प्रकोप से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। पिछले साल मानसून के मौसम के दौरान सायण गांव के निचले इलाकों में जल जनित और मच्छर जनित महामारी के कारण स्थानिय कई लोग बिमार होने पर अस्पताल में भर्ती हुए थे।  पिछले साल की महामारी के बाद भी सायण ग्राम पंचायत ने सतर्कता के तहत उचित कार्रवाई नहीं की और अब यह महामारी फिर से सायण गांव में फैल गई है। 
सायन आदर्शनगर 1,2,3 और रसूलाबाद और ठाकोर नगर सहित निचले इलाकों में बाढ़ के कारण बारिश के पानी के जलजमाव से दूषित पानी भूजल में मिला जिससे पीने का पानी भी दूषित हुआ। इस क्षेत्रों में बुदबुदाती सीवरों की गंदकी से कई लोग दस्त, उल्टी और बुखार जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। गटर से निकलने वाले पानी से मच्छरों के प्रकोप के कारण वर्तमान में जल जनित महामारी फैल रही है। प्रवासी कामगारों की आबादी वाले इन इलाकों में निजी अस्पतालों में मरीजों की भरमार है। इतना ही नहीं  सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने पर  स्वास्थ विभान उन इलाकों में जाकर डोर टु डोर जांच शुरू की है। फिल्ड वर्करों ने किए सर्वे के दौरान सायण के 36 लोगों को अस्पताल  जीवन रक्षा अस्पताल में , 31 मरीजों को सायण जनरल अस्पताल में  और 22 लोगों को सायण सीएचसी में भर्ती कर चिकित्सा दी जा रही है। आदर्शनगर में घर घर जाकर स्वस्थ विभाग ने 118 लोगों की जांच करने पर 20 लोगों में डायरिया और उल्टी के मामले पाए गए जिनमें से 2 बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हे आईसीयु में भर्ती किया गया। 
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