सूरत : दास्तान रेलवे फाटक ओवरब्रिज का काम धीमी गति से होने से रोष

सूरत : दास्तान रेलवे फाटक ओवरब्रिज का काम धीमी गति से होने से रोष

भारतीय हित रक्षक पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया

सूरत जिले के पलसाना में सबसे व्यस्त रेलवे फाटकों में से एक दास्तान रेलवे ओवर ब्रिज पर काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा वर्षों से पुल शुरू किया गया था लेकिन वर्षों बाद भी पूरा नहीं हुआ है। जिससे भारतीय हित रक्षक पार्टी ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। विरोध करने पर पुलिस ने प्रदर्शन कारियों को गिरफ्तार लिया। 
अति महत्वपूर्ण रेलवे फाटक पर बन रहे रेलवे ओवरब्रिज का काम पूरा नहीं हो पाया है। करोड़ों रुपये की लागत से शुरू किया गया काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है।  वाहन चालकों को भी काफी समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  इस रेलवे ओवरब्रिज का काम 2016 में शुरू किया गया था। सत्तारूढ़ दल के नेताओं को भी स्थानीय नेताओं द्वारा पुल पर जानकारी दी गई है। लेकिन नेता भी काम कराने से कतराते नजर आ रहे हैं। 
सरकार द्वारा बार-बार घोषणाओं के बावजूद कि हम लोगों की सुविधा बढ़ाने के लिए बहुत तेजी से काम कर रहे हैं और विशेष रूप से नवसारी जिले और सूरत जिले में कुछ अंतराल हैं जहां रेलवे ओवरब्रिज की बहुत जरूरत है। रोजाना रेलवे फाटकों से गुजरने वाले वाहन चालकों को अक्सर ट्रेन के गुजरने तक फाटकों पर खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है और इससे जाम की स्थिति बन जाती है। लोगों का ईंधन और समय भी बर्बाद होता है। रेलवे ट्रैक पर पहुंचे बीएचपी के पदाधिकारी  व कार्यकर्ताओं के नारेबाजी करते ही पलसाणा  पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पलसाना थाने ले जाया गया।
सुनील सोनवणे ने बताया कि 2016 में नितिन पटेल ने रेलवे ओवरब्रिज का उद्घाटन किया था।  उस समय उन्होंने कहा था कि पुल का काम 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अब 2021 तक काम पूरा नहीं हो पाया है और वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। सालों बाद भी केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच तालमेल के अभाव में यह काम ठप पड़ा है। 
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