सूरत : ढाई लाख में इंजेक्शन बेचने वाला कालाबाजारी पकड़ा गया, अस्पताल की मिलीभगत थी

सूरत : ढाई लाख में इंजेक्शन बेचने वाला कालाबाजारी पकड़ा गया, अस्पताल की मिलीभगत थी

खास ऑपरेशन के तहत शहर की पुलिस ने कालाबाजारी करने वाले को धरदबोचा

वर्तमान में देश के सभी राज्य कोरोना की दूसरी लहर के चपेट में हैं। देश भर की स्थिति बहुत गंभीर हैं। हर गुजरते दिन के साथ कोरोना संक्रमित मामलों की स्थिति भयवह होती जा रही हैं। आलम ये हैं कि संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बिस्तर तक मयस्सर नहीं हैं। इससे भी बुरी बात ये हैं कि बिस्तर के अलावा दवाइयों और ऑक्सीजन की भारी कमी देखी जा रही हैं। इस कारण हर दिन मरने वालों की संख्या बढ़ रही हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ ही दवाओं की कालाबाजारी भी हो रही है। गुजरात में गंभीर कोरोना रोगियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रेमेडेसिविर इंजेक्शन मिलना मुश्किल है पर कुछ लालची इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं। कुछ लोग मरीज के परिजनों को कीमत से तीन से चार गुना अधिक कीमत पर इंजेक्शन बेच रहे हैं। अब रेमेडेसिविर इंजेक्शन के बाद टोसिलिज़ुमेब इंजेक्शन की कालाबाजारी सामने आई हैं।
जानकारी के अनुसार एक खास ऑपरेशन करते हुए शहर की पुलिस ने 45 हजार में बिकने वाली इस इंजेक्शन को 2.70 लाख में बेचने वाले के युवक को धरदबोचा हैं। इस पुरे प्रकरण में उम्र विस्तार में आए एक अस्पताल की मिलीभगत की जानकारी सामने आई हैं। ऐसे समय में जहाँ एक ओर लोग अपनी हानि करा कर भी लोगों की मदद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ असामजिक और लालची लोग इन जरुरी चीजों की कालाबाजारी करने पर लगे हुए हैं। ऐसे लोग मानव सभ्यता के लिए एक बड़ा कलंक हैं।
गौरतलब हैं कि बीते दिनों कोरोना का आक्रमण बढ़ने के साथ पुलिस ने जरुरी दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों को पकड़ने के लिए मुस्तैदी दिखाई हैं। इसी दौरान एक युवक टोसिलिज़ुमेब इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया। सामान्य से  गुना ज्यादा कीमत पर इंजेक्शन को बेचने वाले इस युवक से पूछताछ करने पर इस कालाबाजारी में उमरा विस्तार के एक अस्पताल के स्टाफ की मिली भगत सामने आई हैं। फ़िलहाल पुलिस मामले में अपनी कार्यवाही कर रही हैं।
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