सूरत : सोने के सिक्कों का लालच देकर 1 करोड की ठगी करनेवाला डिंडोली से पकड़ा गया

सूरत : सोने के सिक्कों का लालच देकर 1 करोड की ठगी करनेवाला डिंडोली से पकड़ा गया

पारसी के घर की खुदाई में मिले 40 से 50 किलो सोने के सिक्के मिलने का बताने वाला जालसाज पकड़ा गया

एक पुराने पारसी घर की खुदाई के दौरान नकली सोने के सिक्कों को सस्ते में बेचने का प्रलोभन देकर एक करोड़ 10 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक आरोपी को डिंडोली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ वापी जीआईडीसी थाने में अपराध दर्ज किया गया था। आरोपी पिछले 10 महीने से पुलिस को गुमराह कर  इधर-उधर भाग रहा था। आखिर में उसे सूरत से डिंडोली पुलिस ने पकड़ा है।

सोने के सिक्कों का लालच देकर जालसाज पकड़ा गया


डिंडोली पुलिस के जवान जब गश्त पर थे, तभी एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपी अर्जुन उर्फ ​​दिनेश उर्फ ​​भीमो भीखाभाई सोलंकी को डिंडोली पुरानी जकातनाका रेलवे ट्रैक से पकड़ा गया। पुलिस जांच में पता चला कि बडौदा में रहनेवाले  प्रभु उर्फ ​​राजेश उर्फ ​​राजू गुलशन सोलंकी और उनकी मां मीरा गुलशन सोलंकी और प्रभु सोलंकी की मौसी तेजू राठौर के साथ 2019 में दीवाली के दौरान वापी जीआईडीसी स्थित हाईवे पर हॉटल  में  आए थे। सूरत उत्रान में रहने वाले गोविंदभाई बोरडा रात के खाने के लिए हाईवे पर होटल में गए थे। उस समय आरोपी दिनेश सोलंकी मजदूर के भेष में गोविंदभाई के पास गया और  बहुत भूखा है और खाना मांगने पर गोविंदभाई को दया आई और उन्होने उसे होटल से खाना दिलवाया। तो आरोपी दिनेश सोलंकी ने गोविन्दभाई को एक सोने का सिक्का दिया और कहा कि सेलवास में पारसी के एक पुराने घर में नींव की खुदाई के दौरान हमें कई सोने के सिक्के मिले हैं, उन्होंने अपना मोबाइल नंबर यह कहते हुए दिया कि हम मुफ्तखोरी स्वीकार नहीं करते हैं। सो गोविन्दभाई सूरत आये और महीधरपुरा में सोनी के सिक्के की जाँच करवायी और पता चला कि यह असली सोना है और गूगल पर खोज करने पर यह अठारहवीं शताब्दी का सिक्का है।

षड़यंत्र रचा और धोखे से व्यापारी को सोने के सिक्के में फंसाया


हालांकि, इसके बाद आरोपी ने गोविंदभाई से मोबाइल फोन पर बात की और बताया कि उसके पास 40 से 50 किलो सोने के सिक्के हैं। ये सिक्के सस्ते में बेचे जाने है ऐसा गोविंदभाई को कहा तो वह लालच में आकर वापी चले गया। जहां आगे आरोपियों ने साजिश रची और पहले गोविंदभाई को 10 किलो सोने के सिक्कों से भरा बैग दिखाया। जिसमें से गोविन्दभाई ने जाँच के लिए सात सिक्के निकाले और फिर सोनी से जाँच करने के लिए वापस सूरत आए, तो वे असली सोने के सिक्के निकले। उसके बाद गोविंदभाई को संपुर्ण विश्वास आ गया। 

40 से 45 किलो सोने के सिक्के तीन करोड़ में लेने का फैसला किया


​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​व्यापारी गोविंदभाई को विश्वास आ गया उसके बाद आरोपी को फोन करके सोने के सिक्के 
लेने की इच्छा जताई। जिसे लेकर उन्हे वापी जीआईडीसी मुक्तिधाम श्मशान घाट बुलाकर तीन करोड़ रुपए में 40 से 45 किलो सोने के सिक्के खरीदने का निर्णय लिया गया।

थोक में खरीदे गए सोने के सिक्के चेक करने पर नकली निकले


सोने के सिक्के खरीदने की डील तय हो गई। उस समय  गोविन्द भाई ने एक करोड़ दस लाख रुपये नगद दिये और शेष रुपये की व्यवस्था करके आरोपी को सूरत में देने का निश्चय किया। फिर गोविन्दभाई ने सूरत आकर दुबारा सोनी से सभी सोने के सिक्कों की जांच कराई और पाया कि सभी सिक्के नकली थे। गोविंदभाई को ठगा हुआ पाया गया। लिहाजा वापी आकर आरोपियों की बार-बार तलाशी लेने पर उनका कही पता नहीं चला। सभी आरोपी मोबाइल बंद कर गायब हो गए हैं। घटना के संबंध में गोविंदभाई ने वापी उधोगनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस अपराध में आरोपी पिछले 10 माह से पुलिस को चकमा दे रहा था।

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