डिजिटल करेंसी लांच करने की आरबीआई की तैयारी लगभग पूरी हो गई है, जानिए आगे क्या प्लान है

डिजिटल करेंसी लांच करने की आरबीआई की तैयारी लगभग पूरी हो गई है, जानिए आगे क्या प्लान है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में भारत में केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी के बारे में बताया

इस साल के आम बजट में सरकार ने डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सी योजनाओं के बारे में बताया। अब आरबीआई इसके लांच करने के लिए  पूरी तैयारी में है। केंद्र सरकार की तरफ से अनुमित मिलने के बाद आरबीआई द्वारा इसे लागू कर दिया जाएगा।
जानकारी की माने तो वर्तमान वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है। आरबीआइ की योजना दो चरणों में लागू की जा सकती हैं। दो चरणों के बाद अंतिम तौर पर आम लोगों को आरबीआइ की तरफ से निगमित डिजिटल करेंसी में लेन-देन करने या इसमें निवेश करने या इसके दूसरे वाणिज्यिक इस्तेमाल की छूट मिलेगी जबकि पहले प्रायोगिक स्तर पर थोक ग्राहकों के लिए डिजिटल करेंसी लांच करने की है। उसके बाद प्रायोगिक स्तर पर खुदरा ग्राहकों के लिए इसे पेश किया जाएगा। वहीं सीबीडीसी लांच करने की तैयारियों में जुटे अधिकारियों का कहना है कि आम जनता के पास डिजिटल करेंसी के तौर पर भुगतान करने का एक और विकल्प होगा। केंद्रीय बैंक को इससे एक फायदा यह होगा कि मुद्रा प्रबंधन पर उसकी लागत कम होगी। अभी सिस्टम में मुद्रा का एक हिस्सा लिक्विड फार्म में रखना होता है। इससे इसकी लागत ज्यादा होती है।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में भारत में केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी के बारे में बताया। सीतारमण ने साफ किया कि सरकार की मंशा सीबीडीसी के जरिये पूरी आबादी को वित्तीय क्षेत्र से जोड़ना या फाइनेंशिएल इन्कलूजन करना कोई उद्देश्य नहीं है बल्कि मुख्य तौर पर यह वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए होगी। वहीं आरबीआइ के अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि देश में डिजिटल भुगतान की मौजूदा व्यवस्था यूपीआइ से नयी सीबीडीसी काफी अलग होगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह हैं कि सीबीडीसी को आरबीआइ की सुरक्षा मिलेगी जबकि यूपीआइ एक अन्य एजेंसी एनपीसीआइ की तरफ से विकसित की गई है। साथ ही यूपीआइ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वमान्यता नहीं है। दूसरी तरफ डिजिटल करेंसी की व्यवस्था रखने वाले देशों के बीच एक दूसरे की करेंसी को मान्यता देने में काफी आसानी होगी।
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
आपको बता दें कि ऐसा करने के मामले में भारत या आरबीआइ ही अकेला नहीं हैं बल्कि दूसरे कई देश भी इसी तरह डिजिटल करेंसी लांच करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर भुगतान की राह की कई बाधाएं खत्म करने वॉर वित्तीय भुगतान की व्यवस्था ज्यादा आसान व किफायती बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा। इसका एक फायदा यह भी हैं कि इससे एक्सचेंज रेट में होने वाले उतार चढ़ाव से भी एक हद तक बचाव हो सकेगा। वित्त मंत्री की तरफ से आम बजट में इसकी घोषणा करने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी थी कि भारत डिजिटल करेंसी में पीछे छूटने का जोखिम नहीं उठाना चाहता।
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