राजकोट : कोरोना से मृत लोगों को 50 हजार की सहाय का विरोध करने के लिए समाजसेवक ने करवाया मुंडन

राजकोट : कोरोना से मृत लोगों को 50 हजार की सहाय का विरोध करने के लिए समाजसेवक ने करवाया मुंडन

केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध करने के लिए बहुमाली मकान के सामने ही करवाया जाहीर तौर पर मुंडन

कुछ ही दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा कोरोना में अपने स्वजनों को गँवाने वाले परिवारों को 50 हजार की सहायता करने की घोषणा की गई थी। केंद्र के इस निर्णय से देश की सुप्रीम कोर्ट भी काफी खुश हुई थी। पर राजकोट के एक समाजसेवक ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करते हुये शहर के बहुमाली भवन के पास मुंडन करवाकर सरकार के इस निर्णय का विरोध किया था। उनका कहना था कि कोरोना में स्वजन गँवाने वाले इस परिवार को कम से कम चार लाख की सहाय करनी चाहिए। महंगाई के इस दौर में 50 हजार की सहाय एक मज़ाक जैसा है।
राजकोट के समाजसेवक विरल जानी ने कहा कि जिस किसी परिवार ने कोरोना के समय में अपने परिवार का प्रमुख गंवाया है, उसके घर में 50 हजार कि सहाय काफी कम है। यदि किसी के घर में दो बालक है तो उनकी 11-12 साइन्स की फीस का खर्च ही ढाई लाख से अधिक हो जाता है। इसलिए सरकार के इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने मुंडन करवाया है। 
विरल ने कहा की इस साल उन्होंने कोरोना के कारण स्वतंत्रता दिवस को अलग तरीके से मनाया था। इस दिन उन्होंने जरूरतमंद लोगों को बुक देकर उनकी पढ़ाई में सहायता करने का निर्णय लिया था। इस समय वह गणित के अलावा सभी विषय की पढ़ाई करवा रहे थे। इसके लिए उन्होंने सभी छात्रों  को साप्ताहिक टाइमटेबल बनाकर दे दिया था। अपने इस विरोध के बारे में बात करते हुये वह कहते है कि इस महंगाई के समय में 50 हजार की सहायता कोई मायने नहीं रखती। सरकार को जो पहले तय हुआ था उसके अनुसार चार लाख का भुगतान ही करना चाहिए।
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