राजकोट : बारिश में हो रही देरी से किसानों की बढ़ रही है चिंता, फसल बिगड़ने का भय

राजकोट : बारिश में हो रही देरी से किसानों की बढ़ रही है चिंता, फसल बिगड़ने का भय

एक सप्ताह तक नहीं हुई बारिश तो लेनी पड़ेगी सिंचाई की सहायता, किसानों को फसल बरबाद होने का सता रहा है भय

बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। हालांकि इसके बाद भी राज्य भर में अभी भी अपेक्षा अनुसार बारिश नहीं हुई है। बारिश के नहीं होने के कारण से अन्नदाता की चिंताओं में भी इजाफा होने लगा है। सौराष्ट्र सहित कई इलाकों में जहां मूँगफली और कपास सहित अन्य फसलों की बुआई कर दी गई है। हालांकि बारिश के नहीं होने से अब किसानों में फसल सूखने का भय लगा हुआ है। 
हवामान विभाग द्वारा अभी भी एक सप्ताह तक बारिश के कोई आसार ना होने की आगाही करने से किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है। सौराष्ट्र में इस साल 9.16 लाख हेक्टर में मूँगफली और 8.98 लाख हेक्टर में कपास के बीज की बुआई हुई है। अभी तक मात्र मानावदर और वंथली पंथक में ही अभी तक बुआई नही हुई है। किसानों के अनुसार यदि एक सप्ताह के अंदर बारिश नहीं हुई तो उनकी तकलीफ़ें बढ़ सकती है। बारिश में देरी होने से कपास की फसल को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा यदि बुआई करने में और भी देरी की गई तो उसका कोई अर्थ नहीं रहेगा। ऐसे में यदि सिंचाई द्वारा फसलों को पानी नहीं दिया गया तो उन्हें काफी नुकसान हो सकता है। 
बता दे कि सौराष्ट्र के विभिन्न जिलों में मिलाकर लगभग 20 लाख हेक्टर में कपास और मूँगफली कि बुआई कर दी गई है। जिसमें सबसे अधिक राजकोट में 2.46 लाख हेक्टर की बुआई की गई है। इसके अलावा सुरेन्द्रनगर में 1.78 लाख हेक्टर, जामनगर में 1.90 लाख हेक्टर, पोरबंदर में 47 हजार हेक्टर, जूनागढ़ में 1.37 लाख हेक्टर, अमरेली में 3.99 लाख हेक्टर, भावनगर में 2.69 लाख हेक्टर, मोरबी में 1.65 लाख हेक्टर, बोटाद में 1.36 लाख हेक्टरम गिरसोमनाथ में 46 हजार और देवभूमि द्वारका में 1.37 लाख हेक्टर में बुआई की गई है।